Ashwani Kumar MCD Commissioner: अश्वनी कुमार बने MCD के नए आयुक्त, सामने होगी ये सबसे बड़ी चुनौती
अश्वनी कुमार दिल्ली नगर निगम के आयुक्त के पद नियुक्त हुए हैं। इससे पहले वह निगम में विशेष अधिकारी रहे हैं। आज केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अश्वनी के नियुक्ति का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया। केंद्र सरकार ने ज्ञानेश भारती को आयुक्त के पद से कार्यमुक्त किया। कुमार के सामने निगम की खराब आर्थिक स्थिति से निपटना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के आयुक्त के तौर पर वरिष्ठ नौकरशाह अश्वनी कुमार की नियुक्ति हो गई है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अश्वनी कुमार के नियुक्त के आदेश निकालते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। साथ ही ज्ञानेश भारती को आयुक्त के पद से कार्यमुक्त कर दिया है।
13 मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही ज्ञानेश भारती का तबादला केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में हो गया था। तब से ही नए आयुक्त की नियुक्ति की चर्चाएं चल रही थी। दैनिक जागरण ने भी अश्वनी कुमार की नियुक्ति की संभावना जताई थी जिससे उस खबर पर अब मोहर लग गई है।
निगम की खराब आर्थिक स्थिति से निपटना चुनौती
अश्वनी कुमार (Ashwani Kumar New MCD Commissioner)के सामने निगम की खराब आर्थिक स्थिति से निपटना चुनौती भरा होगा। उनकी नियुक्ति से निगम के अधिकारियों में खौफ की स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि अश्वनी कुमार की छवि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की है।
अश्वनी कुमार 1992 एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी है। वह वर्तमान में दिल्ली सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। उनके पास गृह जैसे प्रमुख विभाग की जिम्मेदारी थी। साथ ही वह दिल्ली के मंडलायुक्त भी थे। वह वर्ष 2022 में दिल्ली के पूर्वकालिक निगमों के एकीकरण के बाद गठित हुए दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) में बतौर विशेष अधिकारी भी नियुक्त रह चुके हैं।
कुमार तेज तर्रार और स्वच्छ छवि वाले अधिकारी
अश्वनी कुमार तेज तर्रार और स्वच्छ छवि वाले अधिकारी है। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति से वह कार्य करते हैं। विशेष अधिकारी रहते हुए उन्होंने कई नीतियों को मंजूरी दी थी साथ ही निगम में पारदर्शिता बढ़े इसके लिए ई आफिस सिस्टम को भी लागू करने पर जोर दिया था। हालांकि खराब वित्तीय स्थिति से जूझ रहे निगम के संचालन में अश्वनी कुमार से सामने कई चुनौतियां होगी।
इसमें सबसे पहली चुनौती एमसीडी के कर्मचारियों को समय से वेतन देना। साथ ही राजनीतिक उठापटक के बीच जब महापौर चुनाव लंबित है। साथ ही डेढ़ वर्ष से स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है तो कई परियोजनाएं लंबित पड़ी हैं। ऐसी स्थिति में राजनीतिक सामजस्य निगम की आप सरकार के बीच बनाना भी चुनौती भरा होगा।
साथ ही कूड़े के पहाड़ों को समयबद्ध तरीके से खत्म करना भी चुनौती भरा होगा। उल्लेखनीय है कि ज्ञानेश भारती की नियुक्त पूर्वकालिक दक्षिणी निगम के आयुक्त के तौर पर 2019 में हुई थी। जब 2022 में निगम का एकीकरण हुआ तो भारती को यह जिम्मेदारी दे दी गई थी।
अब एनडीएमसी के चेयरमैन की नियुक्ति पर निगाहे
एमसीडी को आयुक्त मिलने के बाद अब सभी की नजरें एनडीएमसी के चेयरमैन की नियुक्ति पर निगाहे है। एनडीएमसी चेयरमैन अमित यादव का केंद्र सरकार में तबादला हो चुका है और 11 जून को वह यहां से कार्यमुक्त हो चुके हैं।
ऐसे में सभी की नजरें अब चैयरमैन की नियुक्ति पर है। सूत्र बताते हैं कि जल बोर्ड के पूर्व सीईओ रहे वरिष्ठ नौकरशाह केशव चंद्रा की नियुक्ति इस पद पर हो सकती है। पूर्व निगम में आयुक्त रहे डा. पुनीत गोयल का भी नाम इस दौड़ में चल रहा है।