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Asian Games 2023: दिल्ली के अभिषेक ने तय किया तीरंदाज से सहायक आयुक्त तक का सफर, साल 2013 में मिली थी नौकरी

Asian Games 2023 दिल्ली के अभिषेक वर्मा ने एशियाई खेलों में तीरंदाजी में तीन बार देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस दौरान भारतीय तीरंदाज अभिषेक वर्मा ने दो स्वर्ण व तीन रजत सहित कुल पांच पदकों पर निशाना साध चुके हैं। अभिषेक का जन्म 26 जून सन 1989 को हुआ था। अभिषेक अपने पिता सुरेंद्र वर्मा मां सुनीता व छोटे भाई अभिनीत के साथ मॉडल टाउन में रहते हैं।

By Nikhil PathakEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 08 Oct 2023 10:55 AM (IST)
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Asian Games 2023: दिल्ली के अभिषेक ने तय किया तीरंदाज से सहायक आयुक्त तक का सफर

निखिल पाठक, नई दिल्ली।  Asian Games 2023 : एशियाई खेलों में तीरंदाजी में तीन बार देश का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय तीरंदाज अभिषेक वर्मा दो स्वर्ण व तीन रजत सहित कुल पांच पदकों पर निशाना साध चुके हैं।

चीन के हांगझू में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में शनिवार को कंपाउंड पुरुष व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में उन्होंने रजत पर निशाना साधा। वहीं बृहस्पतिवार को कंपाउंड पुरुष टीम प्रतिस्पर्धा में भारत ने स्वर्ण जीता था, जिसमें अभिषेक का विशेष योगदान रहा।

पीएम मोदी और खेल मंत्री ने पोस्ट कर दी बधाई

वह धनुर्धर अर्जुन जैसी प्रतिभा के दम पर वर्तमान में आयकर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर तैनात हैं। वह वर्ष 2013 में टैक्स असिस्टेंट के पद पर नियुक्त हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी है।

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अभिषेक का जन्म 26 जून, सन 1989 को हुआ था। अभिषेक अपने पिता सुरेंद्र वर्मा, मां सुनीता वर्मा व छोटे भाई अभिनीत वर्मा के साथ मॉडल टाउन में रहते हैं। इस वर्ष एशियाई खेलों में तीरंदाजी में दिल्ली से केवल अभिषेक का चयन किया गया था।

मां ने बताया कि उन्हें अपने पुत्र की उपलब्धियों पर गर्व है। वह बचपन से ही अपने लक्ष्य को लेकर काफी सजग व निर्धारित रहते हैं। उन्होंने बताया कि पदक जीतने के बाद सुबह से ही रिश्तेदारों व पड़ोसियों की बधाइयों का तांता लगा हुआ है।

अभिषेक रविवार रात करीब एक बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेंगे। जहां पर स्वजन और दोस्त उनके स्वागत के लिए तैयार रहेंगे। पिता ने कहा कि एक बाप के लिए पुत्र की सफलता से बड़ी कोई खुशी नहीं होती है।

गुरु लोकेश की विद्या से अर्जुन जैसे बने अभिषेक

गुरु लोकेश चंद ने अभिषेक को धनुर्विद्या का ऐसा ज्ञान दिया कि वह आज के अर्जुन बन गए हैं। लोकेश ने बताया कि अभिषेक से उनकी मुलाकात वर्ष 2003 में माल रोड स्थित दिल्ली क्रीड़ा स्थल में हुई थी।

आंखों में देश का नाम रोशन करने की चमक देखकर वह काफी प्रभावित हुए। उन्होंने यमुना स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में अभ्यास कराना शुरू किया। लोकेश बताते हैं कि इनकी नजरें ऐसी थीं कि उड़ते पक्षी के पंख गिन लें।

निशाना साधने में इतने माहिर थे कि कुछ महीनों बाद ही अभिषेक का चयन दिल्ली टीम में हो गया। साल 2006 में मलेशिया में आयोजित एशियाई ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में उन्होंने रजत पदक जीता था। वर्ष 2014 में निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भी किया था।

अभी तक की उपलब्धियां

  • वर्ष 2014 में इंचियोन में एशियाई खेलों की कंपाउंड टीम स्पर्धा में स्वर्ण व व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक
  • वर्ष 2018 में इंडोनेशिया में एशियाई खेलों में कंपाउंड टीम इवेंट में रजत पर निशाना
  • वर्ष 2023 में तीरंदाजी विश्व कप चरण तीन की पुरुष कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक
  • वर्ष 2022 में पेरिस में आयोजित तीरंदाजी विश्व कप में कंपाउंड मिक्स्ड टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक
  • वर्ष 2021 में 22वीं एशियन तीरंदाजी चैंपियनशिप में पुरुष कंपाउंड टीम स्पर्धा में कांस्य पदक
  • वर्ष 2015 में पोलैंड के राक्ला में तीरंदाजी विश्व कप चरण तीन में कंपाउंड पुरुष व्यक्तिगत वर्ग में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता था

अभिषेक की खास बात है कि वह टीम लीडर के तौर पर अपने साथियों का बखूबी साथ देते हैं। उन्होंने शुरुआत से ही लक्ष्य पर केंद्रित रहते हुए काफी मेहनत की है। उसका परिणाम है कि वह विश्वभर में भारत का परचम लहरा रहे हैं।

- वीरेंद्र सचदेवा, सचिव, दिल्ली तीरंदाजी संघ

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