Delhi: व्यावसायिक वाहनों के चालक हो जाएं सावधान, जीपीएस बंद रखते हैं तो हो सकती है परेशानी
Delhi Commercial Vehicles News पांच दिन पहले की गई जांच में दिल्ली में फिटनेस कराने वाले 89 हजार वाहनों में से केवल 25 हजार वाहनों के जीपीएस ही काम कर रहे थे। विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। व्यावसायिक वाहनों के वे मालिक व चालक सावधान हो जाएं जो अपने जीपीएस बंद रखते हैं या उनके वाहन के जीपीएस खराब हैं। ऐसे लोगों को अपने वाहन की फिटनेस कराते समय परेशानी हो सकती है।
दरअसल व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस के समय अब उनके जीपीएस का पुराना रिकार्ड भी देखा जाएगा। परिवहन विभाग ने आनलाइन जांच में पाया है कि बहुत बड़ी संख्या में वाहन चालक जीपीएस को या तो बंद रखते हैं या उनके जीपीएस खराब हैं।
नहीं मिलेगा फिटनेस प्रमाणपत्र
पांच दिन पहले की गई जांच में दिल्ली में फिटनेस कराने वाले 89 हजार वाहनों में से केवल 25 हजार वाहनों के जीपीएस ही काम कर रहे थे। विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। विभाग जल्द ही यह व्यवस्था करने जा रहा है जीपीएस का पुराना रिकार्ड गड़बड़ मिलेगा तो उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले कुछ सालों से व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस के समय जीपीएस का वाहन में लगा होना और चालू हालत में होना अनिवार्य है। जीपीएस बंद होने से वाहन की आनलााइन ट्रैकिंग नहीं हो पाती है। जानकारों की मानें तो व्यावसायिक वाहनों के चालक ओवरस्पीड में चलने के लिए अक्सर ऐसा करते हैं।
केवल 25 हजार वाहनों के जीपीएस एक्टिव
विभाग के पास ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि बहुत से वाहन चालक अपने वाहनों के जीपीएस बंद रखते हैं या उनके जीपीएस खराब हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग ने पांच दिन पहले व्यावसायिक वाहनों की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जिसमें केवल 25 हजार वाहनों के जीपीएस ही काम करते पाए गए। इसके बाद विभाग इस बारे में विचार कर रहा है।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मान लेते हैं कि कुछ वाहन चल नहीं रहे होंगे, मगर इतनी बड़ी संख्या में वाहन कैसे खड़े रह रहते हैं।
कोई वाहन एक दिन खड़ा रह सकता है मगर इतने वाहन एक एक माह तक कैसे खड़ा रह सकते हैं। वाहनों के जीपीएस कई कई दिनों से बंद पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि जीपीएस बंद किए गए हैं या खराब पड़े हैं और वाहन की फिटनेस के समय ही उन्हें चालू किया जाता है।