वीरेंद्र सचदेवा का दावा है कि आम आदमी पार्टी अब मनीष सिसोदिया के कंट्रोल में है और उन्हीं के कहने पर आतिशी को Delhi New CM बनाया गया है।
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पहले अत्यधिक विभाग दिलाए अब सीएम बनाया
वीरेंद्र सचदेवा ने तमाम दावे किए हैं। उनका कहना है कि मनीष सिसोदिया के दबाव में केजरीवाल को Atishi को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा है।सचदेवा ने आगे कहा कि सिसोदिया पहले आतिशी को अधिक से अधिक विभाग दिलाए, अब CM बना दिया है। उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी अब सिसोदिया के कंट्रोल में लगती है।
वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा, 'अरविंद केजरीवाल ने मजबूरी में आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया है क्योंकि वे चाह कर भी अपनी मन मर्जी का मुख्यमंत्री नहीं बनवा सके। मैं कह रहा हूं कि चेहरा बदल गया है लेकिन AAP का भ्रष्टाचारी चरित्र वही है।'
कपिल मिश्रा ने कही बड़ी बात
आप के विधायक रह चुके और अब भाजपा के सदस्य कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर आतिशी को दिल्ली के लिए खतरनाक बताया है। कपिल ने ट्वीट किया है, 'आतिशी के परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु की फांसी रुकवाने का प्रयास किया था। नक्सली मानसिकता को बैकडोर से दिल्ली पर थोपने का पाप केजरीवाल कर रहें हैं।'कपिल ने आगे लिखा, 'आज आम आदमी पार्टी एक ऐसा CM चुन रही हैं जिसका अन्ना आंदोलन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन से कोई नाता कभी नहीं रहा। दिल्ली की जनता एक नक्सली कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री को कभी स्वीकार नहीं करेगी।'
दिल्ली बीजेपी के महामंत्री विष्णु मित्तल ने पूछा आख़िर आतिशी क्यों है डरी हुई ?
दिल्ली भाजपा के महामंत्री विष्णु मित्तल ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से आम आदमी पार्टी नेता केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने पोस्ट में पूछा है कि आख़िर आतिशी क्यों इतना डरी हुई हैं कि उन्हें बधाई लेने और माला पहनने से भी बचना पड़ रहा है। उन्होंने स्वाति मालीवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि कहीं उनके मन में वह ख़ौफ़ तो नहीं है। केजरीवाल ने पहले स्वाति को भी महिला आयोग ऐ अध्यक्ष बनाया और बाद में राज्यसभा सांसद। लेकिन चुप नहीं रहने पर मुख्यमंत्री आवास में ही पिटाई करवा दी। उन्होंने कहा आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा से सबसे ज़्यादा ख़फ़ा सुनीता केजरीवाल हैं।
अपने लंबे चौड़े पोस्ट में दिल्ली बीजेपी महामंत्री ने लिखा है कि आतिशी जी को जब से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हुई है वह बहुत डरी हुई, सहमी सी नज़र आ रही हैं। पूरा घटनाक्रम इसका साक्षी है। दरअसल सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद आतिशी जी ने स्क्रिप्ट के मुताबिक़ कहा कि अरविंद केजरीवाल ही अब भी मुख्यमंत्री हैं। लेकिन इतने से शायद केजरीवाल जी को संतोष नहीं हुआ। लिहाज़ा आतिशी जी को फिर अपने बयान में और संशोधन करना पड़ा।
अब आतिशी जी ने कहा है कि कोई उनको मुख्यमंत्री होने की बधाई न दे और कोई उन्हें माला नहीं पहनाये। वे कुछ महीने की मुख्यमंत्री होंगी और केजरीवाल के मार्गदर्शन में काम करेंगी । पहले तो धन्यवाद आतिशी जी आपने सच स्वीकारा आप कुछ महीने ही रह सकती हैं क्योंकि जनता अब बीजेपी की सरकार बनाने जा रही है। लेकिन इस बात का बहुत अफ़सोस है कि आम आदमी पार्टी में हर महिला असुरक्षित महसूस कर रही है।
हमेशा मुस्कुराती दिखने वाली आतिशी के चेहरे का भाव अचानक बदला हुआ है। वे भयानक दबाव में हैं। उनका डर उनके चेहरे पर साफ़ झलक रहा है। इसी डर में वे बधाई तक स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। दरअसल जिस तरह की रहस्यमय परिस्थितियों में आतिशी जी को सीएम बनाने की घोषणा आम आदमी पार्टी द्वारा की गई, उसके बाद अब आम आदमी पार्टी में अंदर ही अंदर कई गुट बन गए हैं। यह साफ़ हो गया है कि किसी दबाव में केजरीवाल को आतिशी को सीएम बनाने का एलान करना पड़ा। इस फ़ैसले से सबसे ज़्यादा कोई नाखुश है तो वे हैं सुनीता केजरीवाल।
अब आतिशी जी की गतिविधियों / बयानों पर जिस तरह से आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के ख़ास लोग नज़र रख रहे हैं , उनकी स्क्रिप्ट कहीं और लिखी जा रही है उससे गंभीर संदेह पैदा होता है। संदेह इसलिए है क्योंकि आतिशी के पहले आम आदमी पार्टी में एक और महिला भुक्तभोगी रह चुकी हैं जिन्हें केजरीवाल ने राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया था और उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया। लेकिन बाद में उनके साथ क्या सुलूक हुआ सब जानते हैं।
अब आतिशी जी को सीएम बनाने की घोषणा हुई और उन्हें बधाई तक नहीं लेने दी जा रही। मैं कहना चाहता हूँ कि एक महिला को ढाल बनाकर छिप रहे शराब घोटाले के भ्रष्टाचार में आरोपी केजरीवाल अपने पाप से बच नहीं सकते। अब उनका पाप और बढ़ गया है। उनकी पार्टी महिलाओं के साथ लगातार छल कर रही है। अगर केजरीवाल में हिम्मत है और थोड़ी भी नैतिकता हो तो ये कहें कि एक महिला सांसद से उनके आवास पर हुई मारपीट दुर्भाग्यपूर्ण थी। वे माफ़ी माँगे। और यह कहें कि अब जिस महिला को मुख्यमंत्री बनाने का एलान उन्होंने किया है उसे ज़बरदस्ती पद से हटाने का काम नहीं करेंगे।
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