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Jagran Samvadi: सत्र के हिसाब से बदलता रहा सभागार का माहौल, उपराज्यपाल का दिखा उत्साह तो कंगना का स्टारडम

दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस स्थित कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित जागरण संवादी कार्यक्रम में इन दिनों अलग ही जोश देखने को मिल रहा है। वक्ता ही नहीं बल्कि कार्यक्रम को देखने आए दर्शकों का उत्साह देखते ही बन रहा है। संवादी प्रोग्राम में एलजी सक्सेना का एक तरफ उत्साह दिखा तो वहीं दूसरी ओर कंगना का स्टारडम था। हिमाचल की मंडी से सांसद और अभिनेत्री कंगना ने फोटो भी खिंचवाई।

By Nimish Hemant Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 13 Sep 2024 04:29 PM (IST)
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Delhi News: जागरण संवादी कार्यक्रम में वक्ता के साथ दर्शकों में दिख रहा भारी उत्साह। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जागरण संवादी के मंच पर वक्ता ही नहीं बल्कि दीर्घा में दर्शकों का उत्साह भी कमतर नहीं है। विषय आधारित सत्रों में संजीदगी से भागेदारी रही। खचाखच भरा हाल कभी तालियों, कभी हंसी तो कभी सवालों से गूंजता रहा।

रूमानियत भी रहा तो चिंतन भी दिखी। संवादी में एलजी के उत्साह कंगना का स्टारडम था तो छात्र राजनीति व आरक्षण पर बहस की नई धार थी। ऐसा हो भी क्यों न, डीयू परिसर में आयोजित इस उत्सव में दर्शक के रूप में जोश से भरे युवा जो शामिल थे। जिनमें संवादी का सहभागी बनने को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा था।

खचाखच दर्शकों से भरा था हॉल

सुबह से ही छात्रों व दर्शकों के आने का क्रम शुरू हो गया था। थोड़ी देर में ही हॉल खचाखच भर गया था। उद्घाटन सत्र में हिंदी को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने की बात चली और जिस तरह से अभिभावक की तरह उपराज्यपाल और कुलपति मुखातिब थे, उससे छात्र भी नए चिंतन में डूबते दिखे।

एलजी के शायराना अंदाज में गंभीर बातों को कहने के साथ युवाओं को चुनौतियों से न घबराने की सीख नए उत्साह से भर गया। बारी जब कंगना रनौत की आई तो यहीं युवा रूमानियत और फिल्मी अंदाज में दिखे। कंगना को अपने पास पाकर सभी अभिभूत थे। फोटो और ऑटोग्राफ लेने की चाहत थी।

कंगना से शादी को लेकर पूछा गया सवाल

अभिनेत्री (Kangana Ranaut) ने भी उनको निराश नहीं किया। हर किसी के पास सवाल थे। सवाल उनकी शादी को लेकर भी थे। इसी तरह, बात जब आरक्षण की आई तो दर्शकों के रूप में युवाओं ने बेबाकी से अपना पक्ष भी रखा। छात्र राजनीति के मुद्दे पर बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

छात्रा अंशिका ने कहा कि पूरा आयोजन उसके लिए यादगार रहा। खासकर हिंदी को लेकर उनके अंदर नई सोच पैदा हुई वह हिंदी में ही अब बात करेंगी। तो आयुषि को कंगना का बेबाक अंदाज लुभाया। वहीं, छात्र मनीष को जागरण संवादी के मंच पर हुए संवाद में फंसाना कम हकीकत ज्यादा नजर आया।

उसने उत्साहित होकर कहा कि अलग-अलग वक्ताओं को सुनने में सुबह से शाम होने का अंदाजा ही नहीं लग पाया। छात्र प्रेम शंकर ने कहा कि उन्हें कंगना के जीवन और संघर्षों के बारे में काफी कुछ जानने का मौका मिला।

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