Move to Jagran APP

दिल्ली की सड़कें: धर्म और संस्कृति को नष्ट करने वालों को सम्मान क्यों?

एपीजे अब्दुल कलाम रोड से एक लेन निकलती है जिसका नाम औरंगजेब लेन है। जब कर्जन रोड और कर्जन लेन दोनों का नाम बदल दिया गया तो औरंगजेब रोड के साथ साथ औरंगजेब लेन का नाम क्यों नहीं बदला जा सका। आज देश के मानस को ये प्रश्न मथता है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sat, 09 Oct 2021 09:53 AM (IST)
Hero Image
औरंगजेब रोड का नाम बदला गया तो फिर औरंगजेब लेन का नाम क्यों नहीं? ध्रुव कुमार
नई दिल्ली [अनंत विजय]। स्वधीनता के बाद दिल्ली में कई सड़कों और इमारतों के नाम बदले गए। सकरुलर रोड को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम किया गया, क्लाइव रोड को त्यागराज मार्ग का नाम दिया गया। कर्जन कोड को कस्तूरबा गांधी रोड और कर्जन लेन का बलवंत राय मेहता लेन का नाम दिया गया। दिल्ली में ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं जब मार्गो के नाम से औपनिवेशिकता के चिन्ह को मिटाकर स्वाधीनता सेनानियों या अपनी मिट्टी पर सर्वोच्च बलिदान करने वालों का नाम दिया गया।

ये काम पिछली कई सरकारों ने किया। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तो एक बार फिर से मांग उठी कि राजधानी में मौजूद गुलामी के निशानों को मिटाकर उसको अपने देश के सपूतों का नाम दिया जाए।

2015 में नई दिल्ली इलाके के औरंगजेब रोड का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम कर दिया गया। औरंगजेब मुगलों में सबसे क्रूर शासक था और उसने हिंदुस्तान की जनता पर बेइंतहा जुल्म ढाए थे। सिख पंथ के महान गुरु तेगबहादुर जी के साथ औरंगजेब ने क्या किया उसके बारे में पूरे देश को ज्ञात है।

औरंगजेब इतना कट्टर मुस्लिम शासक था कि वो चाहता था कि उसके सल्तनत में सिर्फ इस्लाम धर्म को मानने वाले रहें। सत्ता के नशे में चूर एक विदेशी शासक पूरे हिंदुस्तान की संस्कृति को मिटा देना चाहता था। ये तो हिंदुस्तान की संस्कृति की शक्ति और उसमें जनता का विश्वास था कि औरंगजेब की तमाम कोशिशों के बावजूद मिट नहीं पाई। आज जब हम स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो हमारी क्या मजबूरी है कि जिस विदेशी शासक ने भारत और भारतीयता पर हमले कर उनको नष्ट करने की कोशिश की, उसके नाम पर एक दिल्ली के मुख्य इलाके में एक लेन है।

एपीजे अब्दुल कलाम रोड से एक लेन निकलती है जिसका नाम औरंगजेब लेन है। जब कर्जन रोड और कर्जन लेन दोनों का नाम बदल दिया गया तो औरंगजेब रोड के साथ साथ औरंगजेब लेन का नाम क्यों नहीं बदला जा सका। आज देश के मानस को ये प्रश्न मथता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।