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दिल्ली के वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर, हर इलाके में होगा फिटनेस जांच केंद्र; परिवहन विभाग ने निकाले टेंडर

दिल्ली के वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें फिटनेस जांच के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। परिवहन विभाग ने हर जिले में ऑटोमेटेड फिटनेस जांच केंद्र खोलने का फैसला किया है। इन केंद्रों पर 20 मिनट में किसी भी वाहन की फिटनेस जांच हो जाएगी। इससे वाहनों की फिटनेस जांच की उपलब्धता बढ़ जाएगी और वाहन चालकों को सुविधा होगी।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 29 Sep 2024 07:19 PM (IST)
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राष्ट्रीय राजधानी में वाहन चालकों को फिटनेस जांच कराने के लिए परेशान होना नहीं पड़ेगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में वाहन चालकों को फिटनेस जांच कराने के लिए परेशान होना नहीं पड़ेगा। दिल्ली में हर इलाके में फिटनेस जांच केंद्र होगा। इसे अपग्रेड भी किया जाएगा, जिसमें मानव हस्तक्षेप बिल्कुल बंद कर दिया जाएगा। सभी फिटनेस जांच केंद्र ऑटाेमेटेड होंगे। इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने पांच जिलों में फिटनेस जांच केंद्र स्थापित करने के लिए टेंडर जारी किए हैं।

जिसमें निजी कंपनियों के साथ मिलकर सरकार इस काम को अंजाम देगी। यह कार्य पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर किया जाएगा। सरकार भी इस व्यवस्था में अपना हिस्सा देगी। जो कंपनी आटोमेडेट जांच केंद्र स्थपित करेगी, वहीं कंपनी इसे चलाएगी और इसका रखरखाव करेगी। बुराड़ी को छोड़कर अन्य स्थानों पर कंपनियां ही केंद्र खोलने के लिए भूमि उपलब्ध कराएंगी।

फिलहाल बुराड़ी और झुलझुली में ही फिटनेस केंद्र

इससे वाहनों के फिटनेस जांच केंद्र की उपलब्धता बढ़ जाएगी। मौजूदा समय में दिल्ली में केवल बुराड़ी और झुलझुली में ही फिटनेस जांच केंद्र है। बुराड़ी में छोटों वाहनों का फिटनेस होता है, जहां जांच मैनुअल तरीके से होती है, जबकि झुलझुली में बड़े वाहनों के फिटनेस की जांच होती है।यह केंद्र आटोमेटेड है। ऐसे में दोनों केंद्रों पर वाहनों को दबाव अधिक होता है।

ऑटोमेटेड टेस्टिंग केंद्र के लिए निविदा जारी

परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड टेस्टिंग केंद्र खोलने के लिए निविदा जारी कर दी है। उत्तरी, उत्तर पश्चिम, पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण पूर्व जिले में ये केंद्र खोले जाएंगे। केंद्र में 20 मिनट में किसी भी वाहन के फिटनेस की जांच हो जाया करेगी। आटोमेटेड टेस्टिंग केंद्र में स्वचालित मशीनों से वाहन के फिटनेस की सटीक जांच होती है। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी आशंका नहीं है।

किन वाहनों को कितने साल में जांच अनिवार्य

बता दें कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग केंद्र में ही वाहनों के फिटनेस की जांच कराने के लिए कहा गया है। इसमें हल्के निजी वाहनों को दूर रखा गया है और इनमें केवल 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के फिर से रजिस्ट्रेशन के समय फिटनेस की जांच करानी होती है। ध्यान देने की बात है कि आठ वर्ष तक पुराने भारी, मझौले और हल्के कामर्शियल वाहनों को हर दो वर्ष में फिटनेस जांच अनिवार्य रूप से कराना होता है। वहीं आठ साल से पुराने कामर्शियल वाहनों के लिए हर साल की अनिवार्यता है।

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