Move to Jagran APP

Azadpur Mandi: आजादपुर मंडी के 92 प्रतिशत कामगारों की हड्डियां हुईं कमजोर, जानिए क्या है वजह

आजादपुर मंडी में काम करने वाले 92 प्रतिशत कामगार हड्डियों और जोड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं। केरल के अस्पताल की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि कमर दर्द घुटने का दर्द और एड़ी का दर्द सबसे आम समस्याएं हैं। कामगारों को सुरक्षित तरीके से बोझ उठाने का प्रशिक्षण देने और मंडी में सुविधाओं में सुधार करने की आवश्यकता है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 27 Oct 2024 08:55 PM (IST)
Hero Image
आजादपुर मंडी को एशिया की सबसे बड़ी थोक फल सब्जी मंडी कहा जाता है।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। एशिया की सबसे बड़ी थोक फल सब्जी मंडी आजादपुर में काम करने वाले बड़ी संख्या में कामगार हड्डियों व जोड़ों (ज्वाइंट) की परेशानी से जूझ रहे हैं। त्रिवेंद्रम स्थित श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दिल्ली के आजादपुर मंडी 92 प्रतिशत कामगारों की हड्डियों में परेशानी है। हाल ही में एमएसएफ (मेडिसिन सेंस फ्रंटियर्स) व आरएमएल अस्पताल द्वारा आयोजित एक कांफ्रेंस में यह अध्ययन प्रदर्शित किया गया।

आजादपुर मंडी के 270 कामगारों पर यह अध्ययन किया। अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार 248 कामगारों को एक वर्ष से शरीर के हड्डियों के किसी न किसी ज्वाइंट में दर्द की परेशानी पाई गई। जिसमें कमर में दर्द की परेशानी सबसे सामान्य थी। 63 प्रतिशत कामगारों को कमर में दर्द, 50 प्रतिशत कामगारों को घुटने व 24 प्रतिशत को एंडी के ज्वाइंट में दर्द की समस्या थी।

कामगार सिर और पीठ पर उठाते हैं बोझा

इसके अलावा 10.5 प्रतिशत को कंधे, आठ प्रतिशत को गर्दन, 7.2 प्रतिशत को कूल्हे, 4.8 प्रतिशत को कोहनी, चार प्रतिशत को कलाई व 3.6 प्रतिशत कामगारों को पीठ में परेशानी थी। इसका कारण है कि ट्रक से फल व सब्जियों को उतारने और चढ़ाने के लिए कामगार सिर व पीठ पर बारी बोझ उठाते हैं। इस वजह से धीरे-धीरे उनके हड्डियों में परेशानी शुरू हो जाती है।

मंडी में पर्याप्त शौचालय की उपलब्धता की समस्या

अध्ययन में कहा गया है कि 63 प्रतिशत कामगारों को हल्का दर्द की परेशानी रहती है। 23.5 प्रतिशत कामगारों के हड्डियों में मध्यम स्तर का दर्द व करीब डेढ़ प्रतिशत कामगारों को गंभीर दर्द की समस्या होती है। अध्ययन के दौरान 34.4 प्रतिशत कामगारों ने बताया कि मंडी में पर्याप्त शौचालय की उपलब्धता की भी समस्या है।

सुरक्षित बोझ उठाने का मिले प्रशिक्षण

उनके लिए मंडी में आराम करने की जगह, पेयजल इत्यादि सुविधाओं की भी कमी है। कमियां कामगारों की सुविधाओं का हनन है। साथ ही आराम करने के लिए जगह नहीं होने से हड्डियों की समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है। कामगारों को सुरक्षित तरीके से बोझ उठाने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें- Delhi-NCR में पटाखे बैन, फिर भी आतिशबाजी की तैयारी में दिल्लीवासी; सर्वेक्षण में आए चौंकानेवाले नतीजे

यह भी पढ़ें- Delhi Traffic Diversion: सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर ट्रैफिक डायवर्जन, जानिए किन रास्तों पर रहेगा असर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।