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'राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हिंदुओं की सबसे बड़ी जीत, यह पर्व दीपावली से भी खास...', बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर और इससे जुड़ी राजनीति पर बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम राजनीति का विषय नहीं हैं राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का राजनीतिकरण करना अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है राजनीति से धर्म नहीं।

By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Fri, 05 Jan 2024 04:56 PM (IST)
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धीरेंद्र शास्त्री ने राम मंदिर को लेकर कही बड़ी बातें। एएनआई
एएनआई, नई दिल्ली। अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर और इससे जुड़ी राजनीति पर बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम राजनीति का विषय नहीं हैं, राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का राजनीतिकरण करना अच्छा नहीं है।

धीरेंद्र शास्त्री से जब पूछा गया कि क्या वह प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या जाएंगे तो उन्होंने कहा, जी जरूर जाऊंगा। यह हिंदुओं, सनातनियों के लिए बड़ी जीत है और यह पर्व दीपावली से भी खास है।

भगवान राम राजनीति का विषय नहीं हैं

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, भगवान राम राजनीति का विषय नहीं है। धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं चलता। देश के लोग सो नहीं रहे हैं वो सब कुछ देख सकते हैं। अपनी इच्छा के अनुसार वोट करें, राष्ट्रहित में वोट करें।

भगवान राम की अपनी नीति है जिसमें गरिमा, एकता और शांति शामिल हैं। जो लोग राम मंदिर के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं वह मूर्ख हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, राम मंदिर जातिकरण के लिए नहीं बल्कि राम भक्तों की आस्था के लिए बन रहा है।

भगवान राम सबके हैं

वह आगे बोले, भगवान राम सबके हैं। भगवान राम महान नेता हैं। जब बागेश्वर धाम सरकार से ज्ञानवापी और मथुरा जन्मभूमि मुद्दे पर सवाल किया गया तो वह बोले, ऐसे मुद्दों पर राय की कोई जगह नहीं है क्योंकि यह सिद्ध है कि ज्ञानवापी भगवान शंकर का है और कृष्ण जन्मभूमि कन्हैया की है।

ऐसे में मुद्दों पर राय की कोई जरूरत नहीं है। इनके लिए सुप्रीम कोर्ट और कानून हैं। वर्तमान में एएसआई की रिपोर्ट ने बताया है कि वहां सनातन का मंदिर था। इतिहास में मुगलों ने हमारे मंदिरों पर हमला किया था, वो घाव आज भर रहे हैं।

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