JNU के VC को नहीं हटाया जाएगा, हॉस्टल फीस मुद्दे पर छात्रों की मुख्य मांगे पूरीः HRD मंत्री
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर जेएनयू छात्रों की बुनियादी मांग पूरी हो गई है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 21 Jan 2020 05:51 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' का कहना है कि हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर जेएनयू छात्रों की बुनियादी मांग पूरी हो गई है। निशंक ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार को हटाने की मांग उचित नहीं है। वीसी को हटाना समस्या का हल नहीं हो सकता।
रमेश पोखरियाल ने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक छात्र शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पंजीकृत करा चुके हैं। जो छात्र पढ़ना चाहते हैं, उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। अगर हमारे विश्वविद्यालयों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्टता हासिल करनी है, तो हमें इन मुद्दों से ऊपर उठना होगा। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है। विपक्ष जनता को इस मुद्दे पर गुमराह करके भड़का रहा है। जेएनयू के 82 फीसद छात्रों ने कराया पंजीकरण: कुलपति
इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति प्रो एम जगदीश कुमार ने सोमवार को दावा किया था कि जेएनयू के कुल 8500 छात्रों में से 82 फीसद छात्रों यानी 6,970 छात्रों ने सोमवार तक शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पंजीकरण करा लिया है। कुलपति ने उम्मीद जताई है कि बाकी बचे हुए अन्य छात्र भी जल्द ही अपने पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। जेएनयू में अभी भी इस सेमेस्टर के पंजीकरण के लिए प्रक्रिया जारी है।
कुलपति ने कहा कि इन 82 फीसद छात्रों ने शीतकालीन सेमेस्टर का पंजीकरण कराने के साथ ही इस सेमेस्टर के छात्रवास की फीस को भी भर दिया है। कैंपस में अकादमिक गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जा रहा है। इससे पहले 17 जनवरी तक छात्रों को बिना देरी के शुल्क के लिए शीतकालीन सेमेस्टर के पंजीकरण की व्यवस्था की गई थी। 17 जनवरी के बाद से 9 फरवरी के बीच छात्रों के पास अवसर है कि वह देरी के शुल्क के साथ पंजीकरण करवा सकते हैं। 9 फरवरी के बाद कुलपति के पास पंजीकरण के लिए अनुरोध करना पड़ेगा और कुलपति छात्रों के अनुरोध पर फैसला करेंगे।
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