बाटला हाउस एनकाउंटर: आतंकी आरिज खान की मौत की सजा की पुष्टि पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में दोषी करार दिए गए आतंकी आरिज खान को दी गई मौत की सजा की पुष्टि पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस व दोषी की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि मामले में जिरह सुनी जा चुकी है और अदालत अपना फैसला सुरक्षित रखती है।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 18 Aug 2023 10:21 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाटला हाउस मुठभेड़ (Batla House Encounter) मामले में दोषी करार दिए गए आतंकी आरिज खान को दी गई मौत की सजा की पुष्टि पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस व दोषी की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि मामले में जिरह सुनी जा चुकी है और अदालत अपना फैसला सुरक्षित रखती है।
इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की मौत हुई थी। आरिज की तरफ से जिरह पेश करते हुए अधिवक्ता एमएस खान ने तर्क दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जो यह कहे कि आरिज खान को सुधारा नहीं जा सकता। यदि कोई संभावना नहीं है कि दोषी को सुधारा जा सकता है, तो आजीवन कारावास की सजा का नियम है। परिवर्तन और सुधार की संभावना है।
दिल्ली पुलिस ने विरोध में क्या कहा?
वहीं, इसका विरोध करते हुए दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक राजेश महाजन ने कहा कि एक वर्दीधारी पुलिस अधिकारी की हत्या दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है, जाेकि मौत की सजा को उचित ठहराती है।जेल में आचरण असंतोषजनक
उन्होंने अदालत के समक्ष खान की सामाजिक जांच रिपोर्ट और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि जेल में उसका आचरण असंतोषजनक है। निचली अदालत ने आठ मार्च 2021 को आरिज खान को दोषी ठहराते हुए कहा था कि यह साबित हुआ है कि आरिज और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की और उन पर गोलियां चलाईं थी।
15 मार्च, 2021 को सुनाई मौत की सजा
15 मार्च 2021 को खान को मृत्युदंड की सजा सुनाते हुए अदालत ने उस पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद हाई कोर्ट को मौत की सजा की पुष्टि के लिए निचली अदालत से एक संदर्भ प्राप्त हुआ था। इस पर लंबी सुनवाई और सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने शुक्रवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।ये है मामला
दिल्ली में सिलसिलेवार बम विस्फोट के कुछ दिन बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की बाटला हाउस में आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी और इसमें इंस्पेक्टर शर्मा 19 सितंबर 2008 को मारे गए थे। सिलसिलेवार बिस्फोट में दिल्ली के 39 लोग मारे गए थे, जबकि 159 घायल हुए थे। शर्मा ने विस्फोटों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की तलाश में उस स्थान पर छापा मारा था।आरिज खान ने दोषी करार दिए जाने के निचली अदालत के निर्णय को अधिवक्ता कौसर खान के माध्यम से चुनौती दी है। आरिज के साथ ही अदालत ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी शहजाद अहमद को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, अपील लंबित रहने के दौरान शहजाद की जेल के अंदर मौत हो चुकी है।
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