बाटला हाउस एनकाउंटर: BTech के बाद IM से जुड़ा आतंकी आरिज खान, बम बनाने और धमाके करने में है एक्सपर्ट
2008 Batla House Encounter के एक दशक बाद आतंकी आरिज खान को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था। उसने मुजफ्फरनगर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक पास किया था। आरिज को विस्फोटक विशेषज्ञ माना जाता है। आरिज आइएम के आजमगढ़ माड्यूल का सक्रिय आतंकी है। उसने फरार रहने के दौरान नेपाल की युवती से शादी भी कर ली थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाला आरिज खान बाटला हाउस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को न सिर्फ चमका देकर फरार होने में कामयाब रहा था, बल्कि उसे गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।
मुजफ्फरनगर के इंजीनियरिंग कॉलेज से किया था बीटेक
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम आरिज का सुराग लगाने में जुटी और आखिरकर फरवरी 2018 में उसे भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था। मुजफ्फरनगर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक पास करने वाला आरिज विस्फोटक विशेषज्ञ माना जाता है।
आरिज, मुठभेड़ के बाद पहले तो एक महीने तक विभिन्न प्रदेशों में छिपता रहा। इसके बाद वह नेपाल भाग गया और अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर (इंडियन मुजाहिदीन का सह संस्थापक) के साथ पहचान छिपाकर रहने लगा था।
कुछ साल बाद दोनों सऊदी अरब चले गए। इसके बाद आइएम के पाकिस्तान में बैठे आकाओं इकबाल भटकल व रियाज भटकल ने दोनों को वापस भारत जाकर आइएम व सिमी को नए सिरे से संगठित करने के निर्देश दिए थे। दोनों वर्ष 2018 के मार्च से भारत आने-जाने लगे थे।
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आइएम के आजमगढ़ माड्यूल का सक्रिय आतंकी है आरिज
आरिज आइएम के आजमगढ़ माड्यूल का सक्रिय आतंकी है और उसने नेपाल की ही युवती से शादी भी कर ली थी। उसने पत्नी को बताया था कि एक विवाद में फंसने के कारण वह उसे पैतृक घर नहीं ले जा सकता है। आरिज व कुरैशी ने एक ही जगह रहकर फर्जी दस्तावेजों के जरिये नेपाल की नागरिकता प्राप्त कर ली।
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एक युवक निजाम खान के सहयोग से उन्हें नेपाल में किराये पर घर मिल गया और फिर उन्होंने मतदाता पहचान पत्र व पासपोर्ट भी बनवा लिए। आरिज खान को स्पेशल सेल ने 2018 में भारत-नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किया था।
क्रोनोलाजी: मामले में कब क्या हुआ?
- 13 सितंबर, 2008: नई दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोटों से 39 लोगों की मौत हो गई और 159 घायल हो गए।
- 19 सितंबर: पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़
- तीन जुलाई 2009: आरिज खान और शहजाद अहमद को निचली अदालत ने भगोड़ा घोषित किया।
- दो फरवरी 2010: शहजाद अहमद को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
- एक अक्टूबर: मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को स्थानांतरित की गई।
- 30 जुलाई, 2013: इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी और सह-आरोपित शहजाद अहमद को निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- 14 फरवरी 2018: एक दशक तक फरार रहने के बाद आरिज खान को गिरफ्तार किया गया।
- 8 मार्च 2021: निचली अदालत ने आरिज खान को हत्या और अन्य अपराधों का दोषी ठहराया।
- 15 मार्च, 2021: निचली अदालत ने आरिज खान को मौत की सजा सुनाई, 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
- 10 जनवरी 2022: निचली अदालत के दोषसिद्धि और सजा के आदेशों के खिलाफ आरिज खान की अपील पर हाई कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किया।
- सात मार्च 2022: हाई कोर्ट ने मौत की सजा की पुष्टि की जाए या नहीं इस संदर्भ में खान को नोटिस जारी किया।
- 18 अगस्त 2023: हाई कोर्ट ने मामले में आरिज खान को दी गई मौत की सजा की पुष्टि पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
- 12 अक्टूबर 2023: हाई कोर्ट ने हत्या के लिए खान की सजा को बरकरार रखा, लेकिन मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
फर्जी मुठभेड़ के पुलिस पर लगे थे आरोप
जिस बाटला हाउस मुठभेड़ में आतंकियों की तीन गोली इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को लगी थी और उसी दिन उनकी मौत हो गई थी। उस मुठभेड़ को मानवाधिकार संगठनों ने फर्जी बताया था और इस पर खून सियासत हुई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए थे और दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट मिली थी। वर्ष 2013 में अदालत ने शर्मा की हत्या के आरोप में शहजाद अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।