Beating Retreat Ceremony: बीटिंग रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन, विजय चौक पर झुकाया राष्ट्रीय ध्वज
Beating Retreat Ceremony गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day 2024) औपचारिक समापन बीटिंग रिट्रीट के साथ सोमवार को हो गया। इस दौरान रायसीना हिल्स (विजय चौक) पर शाम को बीटिंग रिट्रीट समारोह शुरू हुआ। विजय चौक पर सेना अर्धसेनिक बैंडों ने भारतीय धुन बजाई। बैंड के जरिए रघुवति राघव राजाराम ऐ मेरे वतन के लोगों राष्ट्रगान सहित अन्य धुनों को बजाया गया।
पीटीआी, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह औपचारिक समापन बीटिंग रिट्रीट के साथ सोमवार को हो गया। इस दौरान रायसीना हिल्स (विजय चौक) पर शाम को बीटिंग रिट्रीट समारोह शुरू हुआ। विजय चौक पर सेना, अर्धसेनिक बैंडों ने भारतीय धुन बजाई। बैंड के जरिए रघुवति राघव राजाराम, ऐ मेरे वतन के लोगों, राष्ट्रगान सहित अन्य धुनों को बजाया गया। मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे।
#WATCH | The Massed Bands perform 'Ae Mere Watan Ke Logon' at the Beating Retreat Ceremony, at Vijay Chowk in Delhi. pic.twitter.com/aI5CY3pkKO— ANI (@ANI) January 29, 2024
ढलते सूरज के साथ सैनिक भारतीय धुनों पर मार्च कर रहे थे। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के संगीत बैंड ने मनमोहक धुनें बजाईं।
#WATCH | Delhi | President Droupadi Murmu arrives at Vijay Chowk to attend the Beating Retreat ceremony. pic.twitter.com/R8HYuSoZnN— ANI (@ANI) January 29, 2024
रायसीना हिल्स मनमोहक और थिरकाने वाली भारतीय धुनों से गूंज उठीं, जिन्हें सैन्य और अर्धसैनिक बैंडों द्वारा बजाया जा रहा था।
#WATCH | Military bands enthral audience at ‘Beating Retreat’ ceremony at Vijay Chowk in Delhi #BeatingRetreatCeremony pic.twitter.com/PkrJuQnUap— ANI (@ANI) January 29, 2024
राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू पारंपरिक 'बग्गी' में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं, जो आकर्षण का केंद्र रही। बग्गी से राष्ट्रपति के पहुंचने पर पुराने समय की याद आ गई, जिसकी उत्पत्ति 1950 के दशक की शुरुआत में हुई थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई केंद्रीय मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा आम जनता इस मेगा इवेंट में भाग ले रही है।
समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड की 'शंखनाद' धुन के साथ हुई, जिसके बाद पाइप्स और ड्रम बैंड द्वारा 'वीर भारत', 'संगम दूर', 'देशों का सरताज भारत', 'भागीरथी' और 'अर्जुन' जैसी मनमोहक धुनें बजाई गईं। लेफ्टिनेंट कर्नल विमल जोशी समारोह के मुख्य संचालक हैं।
बीटिंग रिट्रीट की क्या है वजह
'बीटिंग रिट्रीट' की शुरुआत 1950 के दशक की शुरुआत में हुई, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने सामूहिक बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से विकसित किया। यह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा का प्रतीक है, जब सैनिक लड़ना बंद कर देते थे, अपने हथियार बंद कर देते थे, युद्ध के मैदान से हट जाते थे और रिट्रीट की आवाज पर सूर्यास्त के समय शिविरों में लौट आते थे। रंग और मानक खोल दिए जाते हैं और झंडे उतार दिए जाते हैं। यह समारोह बीते समय के प्रति पुरानी यादें ताजा करता है।