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Delhi MCD : पांच AAP पार्षदों के BJP में जाने से वार्ड कमेटियों के समीकरण बदले, यहां समझें स्थायी समिति का खेल

रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) को झटका देते हुए एमसीडी में पार्टी के पांच पार्षद भाजपा में शामिल हो गए जिससे नगर निकाय की स्थायी समिति में भाजपा के बहुमत की संभावना बढ़ गई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि ये पार्षद भ्रष्टाचार में लिप्त होने और आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए भीड़ जुटाने के दबाव के कारण परेशान थे।

By Nihal Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 26 Aug 2024 08:16 AM (IST)
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पांच पार्षदों ने आप को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। फोटो- @BJP4Delhi
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में वार्ड कमेटियों के चुनाव कराने की घोषणा के साथ भाजपा और आप में शह-मात का खेल शुरू हो गया है। इसमें पहली रणनीतिक जीत भाजपा को मिली है। पांच पार्षदों ने आप को छोड़कर रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया।

आप को पांच जोन में बहुमत हासिल

इससे भाजपा को नरेला और सेंट्रल वार्ड कमेटी में अब बहुमत हासिल हो गया है। रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ ही सांसद रामवीर बिधूड़ी व योगेंद्र चांदोलिया और भाजपा नेता राजकुमार आनंद की मौजूदगी में आप पार्षदों को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। निगम के 12 जोन में से चार में भाजपा को पहले से बहुमत है, जबकि आप को पांच जोन में बहुमत हासिल है। वीरेंद्र सचदेवा ने आप पार्षदों को सदस्यता दिलाई।

उधर, भाजपा में आप के पांच पार्षदों के शामिल होने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया सहित सरकार के मंत्री, नेताओं का जेल जाना और जेल से आवाजाही के कारण दिल्ली की जनता का इनके प्रति विश्वास खत्म हो चुका है। जनता के बीच आम आदमी पार्टी की खत्म होती साख का फायदा उठाते हुए भाजपा ने प्रलोभन देकर आप के पांच पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।

दूसरी बार भाजपा में आए पवन सहरावत

बवाना वार्ड से पार्षद वैसे तो शुरुआत से भाजपा से जुड़े रहे हैं। वह भाजपा के मंडल अध्यक्ष से लेकर पार्षद तक रह चुके हैं। उनके परिवार के लोगों को जब टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय भी जीतते रहे हैं। वह 2022 में हुए निगम चुनाव में आप की टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे।

फरवरी 2023 में हुए महापौर और उपमहापौर के चुनाव के बाद स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में वह फिर से भाजपा में आए थे। इसका फायदा भाजपा को हुआ था। सदन में स्थायी समिति के लिए भाजपा के तीन सदस्य उनके एक वोट से जीत गए। हालांकि वह एक सप्ताह के भीतर ही फिर से आप में चले गए थे।

आप की बराबरी में आ जाएगी भाजपा

आप के पांच पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनाने के लिए मजबूत दावेदार भी हो गई है। एमसीडी में 12 वार्ड कमेटियां हैं। इसमें चार वार्ड कमेटियों शाहदरा साउथ, शाहदरा नार्थ, केशवपुरम और नजफगढ़ में भाजपा के पास बहुमत था।

नरेला में भाजपा को स्पष्ट बहुमत

एलजी द्वारा नियुक्त एल्डरमैन के चलते भाजपा को तीन जोन में इसका सीधा फायदा हो रहा था, लेकिन नरेला और सेंट्रल जोन में एल्डरमैन के समर्थन से भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा था। अब सेंट्रल जोन से आप के तीन पार्षद आने से भाजपा को यहां पर स्पष्ट बहुमत हो गया। नरेला में दो पार्षद आने से यहां भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल गया है।

इससे अब भाजपा को तीन जोन सेंट्रल, नरेला और सिविल लाइंस में बहुमत हो गया है। यानी स्थायी समिति के लिए उसके सात जोन में बहुमत होने से वह अपने 12 में सात सदस्य जीता सकती है। उसके पास दो सदस्य पहले से जीते हुए हैं। इससे भाजपा के पास नौ सदस्य हो जाएंगे।

आप के पास अभी पांच जोन पश्चिमी, दक्षिणी, रोहिणी, सिटी एसपी, करोल बाग में बहुमत हैं और तीन सदस्य जो कि सदन से चुने जाते हैं वह उसके पास पहले ही है। इससे आप के पास आठ सदस्य हैं। यदि रिक्त सीट पर आप जीतती है तो उसके पास नौ सदस्य हो जाएंगे।

एमसीडी में लागू नहीं होता दल-बदल कानून

दिल्ली नगर में दल बदल कानून और व्हिप लागू नहीं होता है। सभी पार्षद अपनी स्वेच्छा से किसी भी दल का समर्थन कर सकते हैं। इससे उनकी सदस्यता पर कोई खतरा नहीं आता है।

जनता देगी जवाब

आप पांच पार्षदों के भाजपा जाने पर आप ने कहा कि दिल्ली की जनता शानदार जवाब देगी। आप द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि आप अटूट ईमानदारी और देशभक्ति की पार्टी के रूप में मजबूती से खड़ी है, जो भाजपा के सामने झुकने के बजाय जेल जाने के लिए तैयार है। हम बाबा साहेब अंबेडकर और भगत सिंह के रास्ते पर चलते हैं, हम भाजपा से नहीं डरेंगे। भाजपा चाहे कितनी भी गंदी चालें अपना ले, चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो जाएगी।

ऐसे समझें स्थायी समिति का खेल

  • 18 सदस्य (12 वार्ड कमेटी और छह सदन)
  • भाजपा के पास हो सकते हैं सदस्य: नौ (सात वार्ड कमेटी और दो सदन से)
  • आप के पास हो सकते हैं सदस्य : नौ (तीन सदस्य सदन से हैं, पांच वार्ड कमेटी से है, जबकि एक पद रिक्त है, जिसे आप जीत सकती है)
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