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Delhi Election Results: लोकसभा चुनाव में फ्लॉप रहा AAP का विधायकों पर दांव, बेटे के क्षेत्र में भी हारे महाबल मिश्रा

लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का विधायकों पर दांव लगाना फ्लॉप साबित हुआ। आप उम्मीदवारों ने विजन भले तैयार किया लेकिन उनकी सभाओं में दिल्ली सरकार की मुफ्त की योजनाओं पर जोर ज्यादा रहा बाकी अपने शीर्ष नेता के लिए लड़ते दिखे। वहीं दक्षिणी दिल्ली से आप उम्मीदवार अपने क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी पर बड़ी बढ़त बनाने में नाकाम रहे।

By ajay rai Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 06 Jun 2024 07:52 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव में फ्लॉप रहा AAP का विधायकों पर दांव
अजय राय, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलने के लिए कई जतन किए। सबसे पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चार सीटों पर ही उम्मीदवार उतारा।

जीत की छटपटाहट इतनी थी कि पार्टी ने इस बार चार में से तीन सीटों पर उसी क्षेत्र के विधायकों पर और एक सीट पर उसी क्षेत्र के विधायक के पिता व पूर्व सांसद पर दांव लगा दिया, लेकिन मतगणना में कुछ ही राउंड में स्पष्ट हो गया कि ये दांव फेल रहा है।

AAP के दांव को मतदाताओं ने किया खारिज

शाम होते जनादेश ने इस पर मोहर लगा दी। महासमर के लिए आप ने जब उम्मीदवारों की घोषणा की थी तो रणनीति यही थी कि क्षेत्रीय क्षत्रपों को उतारना मास्टर स्ट्रोक होगा और दस साल से संसदीय चुनाव में जीत का सूखा खत्म हो जाएगा। लेकिन, नतीजों से साफ है कि इस दांव को मतदाताओं ने खारिज कर दिया।

मुफ्त की योजनाओं पर रहा जोर ज्यादा

उल्टे उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर हावी हो गई। वहीं, भाजपा ने इन सीटों पर उम्मीदवार बदलकर यह संदेश दे दिया कि जो जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं वह पार्टी प्रत्याशी नहीं। साथ ही भाजपा उम्मीदवारों ने अपनी प्राथमिकताओं को जारी करने के साथ सभाओं में भी मतदाताओं के समक्ष रखा। आप उम्मीदवारों ने विजन भले तैयार किया, लेकिन उनकी सभाओं में दिल्ली सरकार की मुफ्त की योजनाओं पर जोर ज्यादा रहा, बाकी अपने शीर्ष नेता के लिए लड़ते दिखे।

अपने विस क्षेत्र में ही हारे विधायक सोमनाथ व कुलदीप मालवीय नगर से तीन बार के विधायक सोमनाथ भारती नई दिल्ली से आप प्रत्याशी के रूप में महासमर में उतरे और अपने विधानसभा क्षेत्र मालवीय नगर माडल के अनुसार लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहने का वादा करते रहे। लेकिन, नतीजों में अपने ही गढ़ में हार गए। यहां भाजपा प्रत्याशी बांसुरी स्वराज ने चार हजार से अधिक मतों से बढ़त हासिल कर ली।

कुलदीप कुमार भी बढ़त बनाने में रहे नाकाम

सोमनाथ प्रचार के दौरान मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में हर बार अपने जीत के अंतर को दोगुना होने की बात भी बताना नहीं भूलते थे। उधर, कोंडली विस क्षेत्र से विधायक और पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार की भी कमोबेश सोमनाथ वाली ही स्थिति रही। कुलदीप पर कोंडली विस क्षेत्र में ही भाजपा प्रत्याशी हर्ष मल्होत्रा ने 1,500 से अधिक मतों से बढ़त बना ली।

यहां सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति से उम्मीदवार उतारकर आप ने कोंडली के साथ त्रिलोकपुरी विस क्षेत्र में बहुतायत इस वर्ग के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया था। लेकिन, यह दांव असफल रहा और त्रिलोकपुरी से भी हर्ष ने कुलदीप से सात हजार से अधिक मत प्राप्त किए।

बेटे के विस क्षेत्र में भी हारे महाबल मिश्रा

दक्षिणी दिल्ली लोस क्षेत्र से आप उम्मीदवार और तुगलकाबाद विस क्षेत्र में विधायक सहीराम पहलवान अपने क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी पर बड़ी बढ़त बनाने में नाकाम रहे। यहां पहलवान को बिधूड़ी से लगभाग पांच हजार अधिक मत ही प्राप्त कर सके। वहीं, विधायक बिधूड़ी ने अपने बदरपुर विस क्षेत्र में 22 हजार से अधिक मतों की बढ़त हासिल की।

उधर, पश्चिमी दिल्ली से आप प्रत्याशी महाबल मिश्रा के पुत्र विनय मिश्रा इसी इलाके के द्वारका विस क्षेत्र से विधायक हैं। महाबल भी इसी लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। इस बार उन्होंने जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी, लेकिन सबसे बड़ा झटका उन्हें अपने बेटे के क्षेत्र से ही लगा, जहां वो भाजपा प्रत्याशी कमलजीत सहरावत से 10 हजार से अधिक मतों से पिछड़ गए।

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