Move to Jagran APP

जरा सी चूक आपको बना सकती है ब्रेन स्‍ट्रोक का शिकार, रखें इन बातों का ख्याल

Brain Stroke Prevention दिल्ली मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के न्यूरो सर्जरी के निदेशक डा. मनीष वैश्य ने बताया कि ठंड में रक्त नलिकाओं के सिकुड़ने से धीमा हो जाता है रक्त संचार जो बढ़ा देता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 08 Feb 2022 01:02 PM (IST)
Hero Image
जानते हैं कि इससे कैसे बचा सकता है और क्या है उपचार...
नई दिल्‍ली, जेएनएन। Brain Stroke Prevention ब्रेन स्ट्रोक एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। वैसे तो स्ट्रोक किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन सर्दियों में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं। इसका प्रमुख कारण है मौसम से सामंजस्य बैठाने के लिए शरीर में होने वाले बदलाव। तापमान में कमी के कारण रक्त को विभिन्न अंगों तक ले जाने वाली नलिकाएं संकुचित होने लगती हैं और इससे बढ़ती है स्ट्रोक की आशंका। स्ट्रोक की चपेट में आए व्यक्ति को तत्काल उपचार की जरूरत होती है, जिससे मस्तिष्क में हुई क्षति को ठीक किया जा सके।

स्ट्रोक के मामले में समय से उपचार न मिलने पर कई बार आजीवन दिव्यांगता या मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। मस्तिष्क की लाखों कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए आक्सीजन की जरूरत होती है। मस्तिष्क में रक्त का थक्का बनने या रक्तस्राव होने से रक्त संचरण में रुकावट आती है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक होता है। इसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं। जब स्ट्रोक मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाओं के फटने से होता है तो उसे हेमरैजिक स्ट्रोक कहा जाता है। इसका सबसे प्रमुख कारण उच्च रक्तदाब है। हेमरैजिक स्ट्रोक में मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव होता है।

कारण

  • मोटापा
  • उम्र बढ़ना
  • गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन
  • शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना
  • तापमान में अचानक होने वाला परिवर्तन
  • धूमपान और अल्कोहल का अत्यधिक सेवन
  • उच्च रक्तदाब, कोलेस्ट्राल का उच्च स्तर, डायबिटीज व हृदयाघात
इन लक्षणों से पहचानें: स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में चेहरे का एक हिस्सा सुन्न हो जाना, बोलने में परेशानी, सिरदर्द और दिखना बंद हो जाना शामिल है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाएं। स्ट्रोक के मरीजों के लिए समय पर उपचार उपलब्ध कराना बहुत जरूरी होता है। जितनी जल्दी उपचार शुरू कर दिया जाए परिणाम उतने ही बेहतर मिलते हैं। युवाओं को इस मौसम में परिवार के बुजुर्ग व बीमार लोगों की विशेष देखभाल करनी चाहिए और स्ट्रोक के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए।

इसे अवश्य करें

  • धूमपान बंद कर दें
  • पोषक व संतुलित भोजन करें
  • जंक फूड के सेवन से बचें
  • लाल मांस और नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें
  • ठंड के मौसम में शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर रखें
  • तापमान में अचानक होने वाले बदलावों के प्रति गंभीर रहें
उपचार: स्ट्रोक का उपचार इस पर निर्भर करता है कि रक्तस्राव मस्तिष्क के किस हिस्से में हुआ है और कितनी मात्रा में हुआ है। कुछ मामलों में दवाओं द्वारा इसे ठीक कर लिया जाता है, लेकिन कई बार अधिक रक्तस्राव व सूजन के कारण आपरेशन का विकल्प अपनाना पड़ता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।