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दिल्लीवासियों के लिए अच्छी खबर, कूड़े के पहाड़ से जल्द मिलेगी मुक्ति; लक्ष्य से पहले पूरा हो रहा काम

दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट से कूड़े के उठान में तेजी आई है। नवंबर 2022 से 26 अगस्त 2024 तक करीब 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा चुका है। कंपनी ने तय समय सीमा से छह महीने पहले ही अपना काम पूरा कर लिया है। अगर इसी गति से कूड़ा उठता रहा तो 2026 तक पूरा कूड़ा साफ हो जाएगा।

By dharmendra yadav Edited By: Sonu Suman Updated: Wed, 28 Aug 2024 06:59 PM (IST)
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दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट से कूड़े के उठान में तेजी आई है।

धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। जिस गति से भलस्वा लैंडफिल साइट से कूड़े का उठान हो रहा है, उससे लगता है कि वर्ष 2026 तक दिल्ली के लोगों को कूड़े के पहाड़ से मुक्ति मिल सकती है। नवंबर-2022 से लेकर 26 अगस्त 2024 तक लैंडफिल साइट से तकरीबन 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा चुका है। अच्छी बात यह है कि 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा उठाने का कार्य लक्ष्य से छह महीने पहले ही पूरा कर लिया गया है।

राजधानी के तीनों लैंडफिल साइट में केवल भलस्वा में ही कूड़ा उठान का काम तय समय सीमा से पहले पूरा हुआ है। बताया जा रहा है कि लगभग 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा अभी और बचा है। आने वाले दिनों में कचरा उठाने की यही चाल बनी रही तो बचा हुआ कूड़े का आधा पहाड़ अगले दो साल खत्म होने की उम्मीद है।हालांकि, नगर निगम ने 2025 में कूड़े के पहाड़ को खत्म करने की समय सीमा रखी थी।

नवंबर 2022 में कूड़ा उठाने का काम हुआ था शुरू 

पिछले 21 महीनों में भलस्वा में कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 40-50 प्रतिशत घट गई है। दिल्ली नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि नवंबर 2022 में कूड़ा उठाने का काम शुरू होने से पहले भलस्वा लैंडफिल साइट में अनुमानित 90 मीट्रिक टन कूड़ा था। जिस कंपनी को टेंडर मिला, उसे फरवरी-2025 तक 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा उठाने का काम दिया गया था। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने दो दिन पहले 26 अगस्त को कंपनी ने अपना काम पूरा कर लिया। कंपनी ने तय समय सीमा से छह महीने पहले अपना काम पूरा कर लिया।

कंपनी ने प्रतिदिन 7087 मीट्रिक टन की औसत से करीब 635 दिन में 45 लाख मीट्रिक टन कूड़ा उठाया।अगर इसी गति से भलस्वा लैंडफिल साइट से कूड़ा उठता रहा तो वर्ष 2026 मध्य तक कूड़े का पूरा पहाड़ साफ हो जाएगा।निगम अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने भलस्वा लैंडफिल साइट से तय समय सीमा से करीब छह माह पहले अपना काम पूरा किया है, वहीं गाजीपुर व ओखला लैंडफिल साइट निर्धारित समय सीमा में अपना लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं।

नई टेंडर प्रक्रिया तक बंद रहेगा कूड़ा उठान

गत 26 अगस्त तक अपना काम पूरा हो जाने के बाद कंपनी ने कूड़ा उठान बंद कर दिया है। निगम अधिकारी ने बताया कि काम पूरा होने के बाद अब टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक से दो महीने लग सकते हैं। इस दौरान कूड़ा उठान का कार्य बंद रहेगा।

पहाड़ के खात्मे में रोड़ा है नए कूड़े की आवक

लैंडफिल साइट से एक तरफ कूड़ा उठ रहा है तो दूसरी ओर कूड़े का लगातार आना जारी है।यही कारण है कि राजधानी में कूड़े के पहाड़ खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर हर रोज अनुमानित 2500 मीट्रिक टन कूड़ा पहुंच रहा है।

बवाना में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनने के बाद कूड़े में कमी आई है। निगम अधिकारी का कहना है कि बवाना में एक और वेस्टू टू एनर्जी प्लांट के शुरू होने के बाद भलस्वा लैंडफिल साइट पर नया कूड़ा आना बंद हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भलस्वा लैंडफिल साइट से इसी तरह कूड़े का उठान चलता रहा तो वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कूड़े का पहाड़ पूरी तरह से खत्म होने का अनुमान है।

कई बार बदल चुकी हैं समय सीमा

कूड़े के पहाड़ खत्म करने की कई बार समय सीमा तय हो चुकी हैं। 2019 कूड़ा हटाने का काम शुरू किया था, उस समय कहा जा रहा था कि ढाई साल में कूड़ा उठा लिया जाएगा। इसके बाद कई बार समय सीमा निर्धारित की गई, लेकिन किसी न किसी कारण देरी होती गई। भलस्वा लैंडफिल से पूरा कूड़ा हटाने की समय सीमा 2025 रखी गई है। जिस गति से काम चल रहा है, उससे लगता नहीं कि सारा कूड़ा 2025 तक हट जाएगा।

  1. 20 लाख मीट्रिक टन कूड़ा यूईआर-दो हाईवे परियोजना में इस्तेमाल हुआ
  2. 15 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बवाना-बड़वासनी समेत अन्य रोड परियोजनाओं में लगा।
  3. 10 लाख मीट्रिक टन कूड़ा डीडीए व डूसिब की खाली पड़ी जमीन के समतलीकरण में इस्तेमाल हुआ।

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