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राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को धमकाया बोले आंख खोलकर देख लें, जानें और क्या कहा

उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की पुकार पर देशभर में भारत बंद को मिला अभूतपूर्व समर्थन। इसी के साथ उन्होंने नागरिकों को हो रही परेशानी के लिए क्षमा भी मांगी और लिखा कि किसान भी 10 महीने से झेल रहे हैं तमाम परेशानियां

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 28 Sep 2021 12:01 PM (IST)
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को धमकाया है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को धमकाया है। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा कि सरकार आंख खोलकर देख लें, जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी और एमएसपी की गारंटी नहीं मिलेगी तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी।

उन्होंने ट्वीट किया है कि मुठ्ठी भर किसान, कुछ राज्यों का आन्दोलन बताने वाले आंख खोलकर देख ले कि किसानो के आव्हान पर आज पूरा देश #भारत_बंद का समर्थन कर रहा है, बिना किसी दबाव व हिंसा के ऐतिहासिक #BharatBand जारी है। एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के आवाहन पर देशभर में भारत बंद को मिला अभूतपूर्व समर्थन। इसी के साथ उन्होंने नागरिकों को हो रही परेशानी के लिए क्षमा भी मांगी और लिखा कि किसान भी 10 महीने से झेल रहे हैं तमाम परेशानियां, किसानों द्वारा आक्समिक वाहनों को निकलवाने व यात्रियों हेतु पानी चाय दूध के बेहतर इंतजाम किए गए हैं। #BharathBandh

शाम को 5 बजे एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि हमारा भारत बंद का आह्वान सही रहा, सब जगह से अच्छी रिपोर्ट है। हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण चलता रहेगा। हमने सभी जगहों को अब खोल दिया है, अब कहीं बंद नहीं है। हमारी सरकार से अपील है कि वो बातचीत करके इसका समाधान निकाले:

अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले ने भी ट्वीट करके कहा कि भारत बंद को पिछले कई सालों में इतना समर्थन कभी नहीं मिला था, 25 से ज़्यादा राज्यों में बंद कामयाब हुआ है। जब तक किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए जाते और MSP की गारंटी देने वाला केंद्रीय कानून न हो, हम तब तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। भारत बंद को लेकर पूरे दिन इसी तरह से किसान संगठन और उनके नेता बंद को कामयाब और ऐतिहासिक बताते रहे।

राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को शुरू से ही समर्थन कर रहे हैं। 26 जनवरी की घटना के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों के आंदोलन पर असर पड़ा था मगर धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो गई। वैसे शुरू में किसानों के धरना स्थल पर जितनी भीड़ थी वो अब दिखाई नहीं देती है। धरना स्थलों पर तमाम तरह के इंतजाम भी कम हो चुके हैं पहले जहां खाने और अन्य चीजों की वीआइपी व्यवस्था की गई थी, वो सब अब नहीं देखने को मिलती है। किसानों की संख्या भी कम हो गई है सो अलग।

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