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BharatPe Fraud Case: ईओडब्ल्यू ने 72 करोड़ रुपये के भुगतान के संबंध में एक शख्स को किया गिरफ्तार

आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भारतपे धोखाधड़ी मामले के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि अमित कुमार बंसल को 6 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया जहां से उसे छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। ईओडब्ल्यू ने 81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मई 2023 में रिपोर्ट दर्ज की थी।

By mohammed saqib Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 10 Aug 2024 04:07 PM (IST)
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ईओडब्ल्यू ने भारतपे धोखाधड़ी मामले के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भारतपे धोखाधड़ी मामले के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि अमित कुमार बंसल को 6 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

बंसल के रिमांड दस्तावेजों के अनुसार, वह उन गैर-मौजूद फर्मों के सदस्यों में से एक थे, जिन्हें 2019 और 2021 के बीच भारतपे के तत्कालीन निदेशकों से 72 करोड़ रुपये का भुगतान मिला था। अपने रिमांड आवेदन में, ईओडब्ल्यू ने कहा था कि ऐसे 33 गैर-मौजूद विक्रेताओं के विवरण की पहचान की गई और एक जांच की गई, जिसमें पता चला कि आरोपी और उसका भाई उक्त गैर-मौजूद फर्मों से जुड़े थे।

ईओडब्ल्यू ने 2023 में रिपोर्ट दर्ज की

फर्मों ने एक ही ईमेल आइडी meet.bansal1983 @ gmil.com का इस्तेमाल किया था। ईओडब्ल्यू ने 81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मई 2023 में भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और उनके परिवार के सदस्यों दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।

 81.3 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप

भारतपे ने ग्रोवर और उनके परिवार पर फर्जी मानव संसाधन सलाहकारों को अवैध भुगतान, आरोपितों से जुड़े पास-थ्रू विक्रेताओं के माध्यम से बढ़ा-चढ़ाकर और अनुचित भुगतान, इनपुट-टैक्स क्रेडिट में फर्जी लेनदेन और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों को जुर्माना अदा करने, ट्रैवल एजेंसियों को अवैध भुगतान, जैन द्वारा जाली चालान और सबूत नष्ट करने के जरिए फर्म को करीब 81.3 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। हालांकि, ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने मामले में घटनाक्रम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किए गए फोन काल और टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं दिया।

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