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RakeshTikait Kisan Mahapanchayat: हापुड़ में महापंचायत को संबोधित करने बैलगाड़ी से पहुंचे राकेश टिकैत, बोले- MSP पर कानून बनाए सरकार

RakeshTikait Kisan Mahapanchayat कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बार्डर पर जारी विरोध प्रदर्शन को धार देने के लिए मंगलवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हापुड़ में महापंचायत आयोजित की गई। राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कानूनों को जल्द से जल्द वापस ले।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 06 Apr 2021 06:59 PM (IST)
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हापुड़ में आयोजित महापंचायत को संबोधित करने के लिए बैल गाड़ी में बैठकर जाते राकेश टिकैत।
नई दिल्ली/ हापुड़, जेएनएन। कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे भारतीय किसान यूनियन(अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मंगलवार को महापंचायत को संबोधित करने के लिए बैलगाड़ी पहुंचे। इस  दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कानूनों को जल्द से जल्द वापस ले। साथ ही किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की गारंटी के लिए कानून बनाए।

बुलंदशहर रोड पर आयोजित महापंचायत में दोपहर दो बजे से महापंचायत शुरू होनी थी। करीब ढाई बजे राकेश टिकैत हापुड़ पहुंचे। महापंचायत स्थल से करीब 500 मीटर दूर वह बैलगाड़ी पर बैठ गए। जहां से फूल मालाओं से कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। मंच पर विभिन्न पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। अंत में राकेश टिकैत ने संबोधित किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की जमीन छीनने के लिए प्लान कर चुकी है। बड़ी-बड़ी कंपनियां इसमें शामिल होंगी। बड़े-बड़े धरना-प्रदर्शन में यहां के लोगों ने सहयोग किया है।

उन्होंने कहा कि कृषि कानून से पहले देश में बड़े-बड़े गोदाम बना दिए गए। देश में भाजपा की सरकार भले ही हो, मगर कंपनियां राज कर रही हैं। जब किसान से आलू खरीदा जाता है तो दो रुपये किलाे की दर से और बाद में उसकी कीमत 40 रुपये किलो हो जाती है।

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों से सस्ते में अनाज खरीदा जाता है। उन्हें बता दिया जाता है कि उनका अनाज काला और गीला है। व्यापारी के पास जाते ही वह गोल्डन कलर का हो जाता है। फिर महंगे दाम में बेचा जाता है। यदि एमएसपी पर गेहूं की खरीद न हो तो डीएम कार्यालय पर गेहूं लेकर पहुंचें। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे दुकानदारों को भी खत्म करने की तैयारी है। साप्ताहिक बाजार खत्म होंगे। वाल-मार्ट जैसी कंपनियां आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि हम तीनों कानून वापस कराकर मानेंगे। उन्होंने कहा कि देश का जवान बार्डर पर टैंकों से लड़ेगा, किसान ट्रैक्टर से और युवा ट्वीटर से लड़ाई लड़ेंगे। यानी ट्रिपल टी का इस्तेमाल करना होगा। अगर आज लड़ाई नहीं लड़ी गई तो आने वाले दिनों में भूंख के आधार पर रोटी के रेट तय होंगे और रोटियां तिजोरी में बंद होंगी। दूध विदेशों से आयात किया जाएगा और 20 रुपये किलो बिकेगा। तब आप कैसे घर चलाओगे।

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