NCRB Report: छोटी उम्र में बड़ी करतूतें, ऐसा कोई अपराध नहीं जिसे नाबालिगों ने किया नहीं
राजधानी में आपराधिक मामलों में नाबालिगों की संख्या बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 में मेट्रो शहरों में होने वाले अपराध में सबसे अधिक नाबालिग दिल्ली में पकड़े गए हैं।
By Dhananjai MishraEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 30 Sep 2022 08:48 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में आपराधिक मामलों में नाबालिगों की संख्या बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 में मेट्रो शहरों में होने वाले अपराध में सबसे अधिक नाबालिग दिल्ली में पकड़े गए हैं। वर्ष 2021 में राजधानी में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, झपटमारी, दुष्कर्म, दंगे और छेड़छाड़ आदि घटनाओं में 2643 नाबालिग पकड़े गए हैं। जबकि वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 2455 था।झपटमारी, लूटपाट,चोरी, हत्या यहां तक दुष्कर्म के मामलों समेत संगीन अपराधों में नाबालिगों की मौजूदगी बढ़ती ही जा रही है।
सही रास्ते पर लाने का प्रयास करती है दिल्ली पुलिस
कुछ मामलों में तो देखा गया कि बड़े गैंगस्टरों ने नबालिगों को टूल बनाकर इस्तेमाल किया। नाबालिगों से कहा जाता है कि पकड़े जाने पर सजा कम होगी, कोई मारेगा-पीटेगा नहीं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि औसतन हर साल 70 नए नाबालिग राजधानी में अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं। दिल्ली पुलिस नाबालिगों को सही रास्ते पर लाने के पूरे प्रयास करती है।
नशे की लत के कारण आकर्शित होते हैं बच्चे
अक्सर देखा गया है कि अपनी जरूरतें और नशे की लत को पूरा करने के लिए नाबालिग इस ओर आकर्शित हो जाते हैं। उनको नशा मुक्ति केंद्रों में रखकर पहले उनका नशा छुड़वाने का प्रयास किया जाता है, इसके अलावा दिल्ली पुलिस के हर जिले में कौशल विकास के ट्रेनिंग सेंटर चलते हैं, जहां उनको रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जाते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस की तरफ से युवा योजना चलाई जा रही है। इसके साथ ही नाबालिगों के साथ उनके माता-पिता की भी काउंसलिंग कराकर इनको सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जाता रहा है।
यह है प्रमुख वजह
कुछ नाबालिग फिल्म के पात्रों से प्रेरित होकर भी घटनाएं करते हैं। कई पकड़े गए नाबालिगों ने इसे खुद माना है।बच्चों में देखादेखी, ब्रांडेड कपड़े, जूते, महंगे मोबाइल आदि की चाहत होती है। इसे पाने के लिए वे अपराध तक कर डालते हैं।इलाके के बदमाशों को देखकर बच्चों में उनकी तरह बनने की चाहत होती है। उनके संपर्क में आकर ने अपराध करने लगते हैं।नाबालिगों के पकड़े जाने पर उन्हें कम सजा मिलती है।इस वर्ष नाबालिगों द्वारा किए गए अपराध
- 25 सितंबर 2022 : सीलमपुर में नाबालिगों ने 12 वर्ष के बच्चें के साथ बेहरमी के साथ कुकर्म किया। बच्चे की हालत अभी भी अस्पताल में गंभीर बनी हुई है।
- 07 अगस्त 2022 : पुल प्रह्लादपुर में ट्रक चालक की हत्या की गई। घटना के दिन बाद पुलिस ने आरोपित नाबालिग को पकड़ा।
- 01 जुलाई 2022: मुंडका इलाके में दुष्कर्म के मामले में गवाही देने वाले 12 साल के बच्चे से बदला लेने के लिए नाबालिग ने उसकी गला रेतकर हत्या कर दी। पुलिस ने नाबालिग और उसके दोस्त को पकड़ा।
- 11 जून 2022: कल्याणपुरी इलाके में नाबालिगों ने अपने बहन के प्रेमी को शराब पिलाकर उसकी हत्या की।
- 08 जून 2022: आनंद पर्वत इलाके में झगड़े के दौरान बीच-बचाव कराने का बदला लेने के लिए नाबालिगों ने 21 वर्षीय युवक की चाकू घोंपकर हत्या की।
- 15 मई 2022: नेब सराय इलाके में मामूली बात पर हुए विवाद में तीन नाबालिगों ने जीशान नामक युवक की चाकू गोदकर हत्या की।
- 08 अप्रैल 2022: आदर्श नगर में झगड़े के दौरान थप्पड़ मारने पर दो नाबालिगों ने चाकू मारकर युवक की हत्या कर दी।
- 01 मई 2022: सिविल लाइंस इलाके में नाबालिगों ने लूटपाट के लिए बिल्डर राम किशोर अग्रवाल की हत्या की।
- 21 जनवरी 2022: जहांगीरपुरी इलाके में वर्चस्व कायम करने और इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के लिए तीन नाबालिगों ने एक युवक की बिना वजह हत्या कर दी।
वर्ष 2021 में इन-इन अपराधों में पकड़े गए नाबालिग
अपराध- पकड़ेहत्या-78हत्या का प्रयास-154दुष्कर्म-69छेड़छाड़-103चोरी-1075लूट-339पॉक्सो-109आर्म्स एक्ट-45दंगे-05मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के पूर्व निदेशक डा. निमेश जी देसाई ने कहा कि नाबालिगों द्वारा अपराध कम करने के लिए हमें कुछ प्रमुख बिदुओं पर काम करना होगा। पहले तो हमें उनके लिए ऐसा वातावरण बनाना होगा जिससे उनके मन मे अपराध की बातें न आ पाए। यह परिवार और समाज के द्वारा संभव। दूसरी बात यदि कोई नाबालिग अपराध करता है तो हमें उनमें सुधार करने की पूरी हमें पुरी कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए हमें समाज कानून और विज्ञान का सहारा लेन पड़ेगा। तीसरी बात यह है कि यदि नाबलिग में सुधार नहीं हो रहा है तो हमें ऐसे नाबालिगों को चिन्हित कर कानून का सहारा लेना चाहिए, लेकिन उनमें सुधार के लिए हमें पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।
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