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Delhi Politics: पवन राणा को मिली प्रदेश भाजपा संगठन की जिम्मेदारी, सिद्धार्थन को हिमाचल का सौंपा गया प्रभार

2015 से दिल्ली भाजपा में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे सिद्धार्थन को हिमाचल प्रदेश की ईकाई संगठन महामंत्री नियुक्त किया गया है। उनके स्थान पर हिमाचल के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा को दिल्ली की जिम्मेदारी दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sun, 23 Apr 2023 04:55 PM (IST)
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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में बड़ा में बदलाव हुआ है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 2015 से दिल्ली भाजपा में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे सिद्धार्थन को हिमाचल प्रदेश की ईकाई संगठन महामंत्री नियुक्त किया गया है। उनके स्थान पर हिमाचल के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा को दिल्ली की जिम्मेदारी दी गई है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की हार के बाद अध्यक्ष आदेश गुप्ता के हटने और फिर वीरेंद्र सचदेवा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बीच कई बार सिद्धार्थन के स्थान किसी अन्य की नियुक्ति की चर्चाए चल रही थी। आखिरकर रविवार को भाजपा ने पवन राणा को उनके स्थान पर जिम्मेदारी देकर चर्चा को खत्म कर दिया।

अब राणा के पास न केवल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर जीत को बरकरार रखने की जिम्मेदारी होंगी बल्कि 22 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा को सत्ता में लाने की चुनौती भी होगी।

गुटबाजी पर काबू करना भी होगी बड़ी चुनौती

पवन राणा को दिल्ली की राजनीति में सबसे बड़ी चुनौती भाजपा की गुटबाजी पर काबू पाना होगी। प्रदेश में भाजपा नेताओं के अलग-अलग गुट हैं। ऐसे में गुटबाजी काफी हावी रहती है। उनके समर्थक भी संगठन से ज्यादा अपने नेताओं के निर्देशों को तवज्जों देते हैं।

इससे दिल्ली भाजपा के संगठन को मजबूत करने की कोशिश में उतनी सफलता नहीं मिल पाती है जितनी की मिलनी चाहिए। सिद्धार्थन ने शुरू में तो गुटबाजी पर काबू पाया था, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में गुटबाजी काफी बढ़ गई थी। नतीजतन 2022 में निगम की सत्ता भी भाजपा के हाथ से चली गई।

तीसरी बार दिलाई थी निगम में जीत

चूंकि, अभी दिल्ली में प्रदेश भाजपा के संगठन का पुनर्गठन होना है। ऐसे में सिद्घार्थन की करीबियों को जरुर झटका लगा है। सिद्धार्थन को 2015 में दिल्ली भाजपा में जब लाया गया था तब 70 विधानसभा सीटों में से तीन सीट पर भी जीत दर्ज कर पाई थी।

तत्कालीन प्रदेश संगठन महामंत्री विजय शर्मा के स्थान पर सिद्धार्थन की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद 2017 में हुए दिल्ली के तीनों नगर निगम के चुनाव में सिद्धार्थन ने जीत दिलाई थी। उस समय भाजपा ने तीसरी बार सत्ता में आने के लिए चुनाव मैदान में गई थी। इतना ही नहीं 2019 की लोकसभा की सातों सीटों पर जीत भी बरकरार रखी थी।

हालांकि, 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत तो बढ़ा, लेकिन आठ विधानसभा सीटों पर ही भाजपा जीत दर्ज कर पाई थी। 2022 में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा लगातार 15 वर्ष के शासन के बाद सत्ता तो बरकरार नहीं रख पाई, लेकिन 250 में से 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सिद्धार्थन दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई विभागों में प्रचारक रहे हैं। वह मूल रूप से केरल से हैं।

रिपोर्ट इनपुट-  निहाल सिंह

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