यूपी : 61 जोड़ों की सूची तैयार करके 66 का करा दिया विवाह, कई की पहले ही हो चुकी थी शादी
अब जानकारी सामने आ रही है कि जिला प्रशासन की सूची में शामिल कई जोड़े विवाह के दिन मंडप में नहीं पहुंचे थे।
नोएडा (जेएनएन)। शासन से वाहवाही लूटने के लिए जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की थी। सामूहिक विवाह के लिए प्रशासन ने 61 जोड़ों की सूची तैयार की थी, लेकिन मंडप में 66 जोड़ों के फेरे डलवाए गए। कई ऐसे जोड़ों का विवाह भी कराया दिया गया, जिनके नाम सूची में पहले से शामिल नहीं थे। सामूहिक विवाह योजना में उनका विवाह कराने को लेकर प्रशासन कठघरे में हैं।
गड़बड़ी सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला समाज कल्याण विभाग ने जोर शोर से तैयारी की थी। 24 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के वाइएमसीए क्लब में सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ।
अधिकारियों की टीम गुलाबी पगड़ी पहने खुद वर वधू पक्ष के साथ मेहमानों के स्वागत के लिए मौजूद थी। केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा से लेकर दादरी व जेवर विधायक इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे, लेकिन विवाह की चकाचौंध के बीच अधिकारियों ने अपनी कारगुजारी पर पर्दा डाले रखा। आयोजन का एक सप्ताह बीतने के बाद कारगुजारी सामने आने लगी है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए मिले आवेदन में से प्रशासन ने 61 जोड़ों की सूची तैयार की थी। उसी के अनुसार तैयारी भी की थी। लेकिन प्रशासन ने मंडप में 66 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया। सूत्रों का कहना है कि सूची में शामिल कई जोड़े विवाह के दिन मंडप में नहीं पहुंचे थे।
आनन फानन में चीती व चीती का नंगला गांव से करीब दस जोड़ों को बुलाकर उनकी शादी संपन्न कराई गई। जबकि पहले से तैयार सूची में चीती गांव के एक भी जोड़े का नाम शामिल नहीं था। विवाह करने वालों में कुछ जोड़े पहले से शादीशुदा हैं। एक जोड़े की शादी 2013 में हो चुकी है, उनका एक बेटा है। एक अन्य जोड़े की शादी पिछले साल सितंबर में हो चुकी है। अधिकारियों ने विवाह कराने से पहले पात्रता की शर्तों की भी घोर अनदेखी की। अब इन जोड़ों की शादी प्रशासन के लिए गले की हड्डी बनती नजर आ रही है।