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रेलवे को हुआ बड़ा नुकसान, ठंडे बस्ते में क्यों गई ये योजना? अब धूल फांक रही हैं मशीनें

Railway News रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। स्टेशनों पर बनाए गए गेमिंग जोन योजना एक साल ही सुस्त पड़ गई है। वहीं स्टेशनों पर लगाई गई मशीनें अब धूल फांक रही हैं। बताया गया कि लोगों की रुचि न होने से रेलवे को झटका लगा है। जानिए आखिर इस योजना के ठंडे बस्ते में जाने के पीछे क्या-क्या कारण रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 30 Sep 2024 09:50 AM (IST)
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रेलवे का गेमिंग जोन परवान चढ़ने के सालभर के अंदर ही बंद हो गया। फाइल फोटो

मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्चों के लिए बनाया गया गेमिंग जोन परवान चढ़ने के सालभर के अंदर ही बंद हो गया। रेलवे ने नई दिल्ली के बाद आनंद विहार और निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन में गेमिंग जोन खोलने की अनुमति दी थी, लेकिन अव्यवस्था और यात्रियों की इस ओर दिलचस्पी न होने से अन्य रेलवे स्टेशनों पर गेमिंग जोन खोलने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है।

गेम जोन में लगाई गई मशीनें अब गोदामों में धूल फांक रही हैं। रेल मंत्रालय का प्रस्ताव था कि रेलवे स्टेशन पर गेमिंग जोन खोले जाएं, जिससे यहां आने वाले बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी ट्रेन के इंतजार के दौरान विभिन्न खेलों में समय बिताएं और रेलवे की आय भी बढ़े।

6 लाख में की गई थी योजना की शुरुआत

इसके लिए रेलवे ने इन्वेस्टर्स को ऑफर भी दिया था। रेलवे के अधिकारी के अनुसार, लगभग छह लाख रुपये में इस परियोजना की शुरुआत की गई थी, जो अजमेरी गेट की तरफ रेलवे स्टेशन के हाल की पहली मंजिल पर बनाया गया था। खास बात यह है कि जहां यह गेम जोन बनाया गया, उसे अब तोड़ दिया गया है। अब वहां ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे यात्री बैठते हैं। इस गेम जोन में तीन साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग के लिए गेमिंग का आनंद लेने की व्यवस्था की गई थी और साथ खेलने के लिए ट्रेन यात्रा या प्लेटफार्म टिकट की आवश्यकता भी नहीं थी।

अव्यवस्था की भेंट चढ़ा गेमिंग जोन

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बने गेमिंग जोन में बैठने की व्यवस्था और कोई कैफेटेरिया नहीं था, जिससे लोग वहां पर बैठ सकें और कुछ खा सकें। गेमिंग चैनल शुरू करने से पहले बैठने का स्पेस और कैफेटेरिया खोलने के लिए रेलवे अधिकारियों के पास प्रस्ताव भी भेजा गया था, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वहीं रेलवे स्टेशन पर भीड़भाड़ को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही थी कि यहां रोजाना तीन से पांच हजार लोग आएंगे, लेकिन एक दिन में महज 10 से 15 ही लोग ही आते थे। इससे खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया था।

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वहीं, कर्मचारियों का खर्च और बिजली बिल भी जमा करने भर का खर्च नहीं निकल पा रहा था। इसके अलावा भी तमाम समस्याएं थीं। ऐसे में गेमिंग जोन सालभर के भीतर ही बंद हो गया। वहीं दूसरी ओर इस मामले में रेलवे स्टेशन के अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

50 से 150 रुपये तक था किराया

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बने गेमिंग जोन में किड्स राईड, ट्रेन राईड, बास्केट बाल, कार रेस, बाइक रेस, वीआर गेम्स, मेगा वायर एयर हाकी, 9डी सिनेमा, हारर हाउस और मिरर मेज जैसे गेम खेलने की व्यवस्था की गई थी। जिसकी कीमत पचास रुपये से शुरू होकर 150 रुपये तक तय की गई थी। इन मशीनों को हटाकर अब गोदाम में रखा गया है।

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