40 साल बाद सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के लिए बड़ी खबर, 437 लोगों को मिलेगी सरकारी नौकरी
साल 1984 में देश में सिख विरोधी दंगे हुए थे। जिसमें कईयों ने अपनों को खो दिया था। इस संबंध में पीड़ित 437 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस संबंध में एक विशेष शिविर का आयोजन किया। डीएसजीएमसी ने कहा कि मोदी सरकार ने दोषियों को जेल भेजने की पहल की
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ित 437 परिवारों को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) कार्यालय मेंफार्म भरवाने के लिए एक विशेष शिविर आयोजित किया।
उपराज्यपाल ने सरकारी नौकरी देने की दी मंजूरी
हाल ही में उपराज्यपाल (LG VK Saxena) द्वारा इन परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मंजूरी दी गई थी। शिविर में पीड़ित परिवारों को बताया गया कि उनके क्षेत्र के एसडीएम दफ्तर में ये फार्म जमा कराए जाएंगे। नियुक्ति पत्र भी एसडीएम दफ्तर से ही जारी होंगे।
डीएसजीएमसी के महामंत्री जगदीप सिंह काहलो ने कहा, 1984 के सिख विरोधी दंगा (1984 anti Sikh riots) के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। दंगे के दोषियों को जेल भेजने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए डीएसजीएमसी संघर्ष करती रही है। पीड़ित परिवारों की न्यायिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
नौकरियां देने के लिए SDM को दस्तावेज जांच करने के मिले आदेश
इस संघर्ष का परिणाम है कि दिल्ली सरकार ने 437 पीड़ित परिवारों के सदस्यों को नौकरियां देने के लिए सभी एसडीएम को दस्तावेज की जांच करने के आदेश दिए हैं। जरूरत पड़ने पर सभी संबंधित एसडीएम कार्यालयों में इस तरह के शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा नरेन्द्र मोदी सरकार (PM Modi Govt) ने दोषियों को जेल भेजने की पहल की और पीड़ित परिवारों को समय-समय पर मदद भी दी।
उन्होंने बताया कि डीएसजीएमसी के उपाध्यक्ष आत्मा सिंह लुबाना और सदस्य रमिंदर सिंह स्वीटा पीड़ित परिवारों से संपर्क कर उन्हें जानकारी दे रहे हैं। पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी मिल सके इसके लिए डीएसजीएमसी पूरी तरह से सतर्क है।
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