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केजरीवाल को लगा बड़ा झटका, जेठमलानी के बाद अब 'शर्मिंदा' वकील ने भी छोड़ा मानहानि केस

अरुण जेटली ने 10 करोड़ रुपये का एक और मुकदमा किया, जिससे मानहानि की रकम 20 करोड़ रुपये हो गई है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 17 Feb 2018 05:07 PM (IST)
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केजरीवाल को लगा बड़ा झटका, जेठमलानी के बाद अब 'शर्मिंदा' वकील ने भी छोड़ा मानहानि केस

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली मानहानि मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दूसरे अधिवक्ता अनूप जार्ज चौधरी ने भी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।

अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ में अरुण जेटली के अध्यक्ष रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता बरती गई। अरुण जेटली की ओर से इस मामले में दायर किए गए मानहानि के मुकदमे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आप नेता आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी आरोपित हैं।

राम जेठमलानी के बाद अनूप जार्ज चौधरी इस मामले में अरविंद केजरीवाल की तरफ से पैरवी कर रहे थे। चौधरी ने मुकदमे से खुद को अलग करने के लिए 15 फरवरी को केजरीवाल के काउंसिल अनुपम श्रीवास्तव को पत्र लिखकर कहा था कि मुकदमे के बारे में उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे 12 फरवरी को हुई सुनवाई में उन्हें कोर्ट के सामने अपमानित होना पड़ा था। इस वजह से वे खुद को सुनवाई से अलग कर रहे हैं।

यहां पर बता दें  कि पिछली सुनवाई में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के वकील द्वारा क्रास एग्जामिनेशन में जेटली से पूछे गए सवालों को हाई कोर्ट ने अप्रासंगिक करार दिया था। हाई कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि वह दूसरे प्रश्न तैयार करके लाएं। इन प्रश्नों को पूछने का कोई औचित्य नहीं है। इससे पहले दोनों पक्षों को एक दूसरे से सवाल पूछने के लिए तैयार किया गया। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

यह है मामला

वकील अनूप जॉर्ज चौधरी के मुताबिक, उन्होंने केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव को पत्र लिखा है कि वह उनके मुवक्किल की तरफ से पेश नहीं होंगे। उन्होंने जेठमलानी की जगह ली थी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने 12 फरवरी की सुनवाई का जिक्र करते हुए लिखा कि उस दिन उन्हें न्यायमूर्ति राजीव सहाय के सामने शर्मिंदा होना पड़ा।

अनूप चौधरी ने कहा कि उनके कुछ सवालों को न्यायाधीश की तरफ से टिप्पणी के साथ स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा वकील की तरफ से ब्रीफिंग की वजह से हुआ, क्योंकि उन्होंने उन्हें कुछ तथ्यों और अदालत के पिछले आदेशों के बारे में जानकारी नहीं दी थी।

गौरतलब है कि अरुण जेटली ने केजरीवाल के अलावा के आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है। AAP के नेताओं ने DDCA में अरुण जेटली के अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिस पर अरुण जेटली ने 10 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है। हालांकि, बाद में अरुण जेटली ने 10 करोड़ रुपये का एक और मुकदमा किया, जिससे यह मानहानि की रकम 20 करोड़ रुपये हो गई है।

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