अमेरिकी तकनीक से हवा को करेगा साफ देश का सबसे बड़ा स्माग टावर, जानिए कैसे होगा फायदा
आनंद विहार में बन रहा देश का सबसे बड़ा स्माग टावर प्रदूषण की समस्या का समाधान करने में काफी सक्षम होगा। बोर्ड बैठक के लिए सीपीसीबी मिले एजेंडे में बताया गया है कि यह टावर दूषित हवा को 90 फीसद तक स्वच्छ करेगा।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Tue, 29 Dec 2020 05:09 PM (IST)
नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। देश का सबसे बड़ा स्माग टावर दूषित वायु को 90 फीसद शुद्ध कर देगा। नोवेल ज्योमेट्री फिल्टरेशन सिस्टम (एनजीएफएस) से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इसे मुमकिन बनाने जा रहा है। इस सिस्टम को अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय ने विकसित किया है। इसकी मदद से वायु में घुले पीएम-10 और पीएम-2.5 को लगभग खत्म किया जा सकता है।
कहां बन रहा देश का सबसे बड़ा स्माग टावर
आनंद विहार बस अड्डा परिसर में मेट्रो स्टेशन के सामने देश का सबसे बड़ा स्माग टावर बनाने का काम शुरू हो चुका है। इस टावर की ऊंचाई 78 फीट (करीब 24 मीटर) है। इसमें बड़े आकार के 40 पंखे लगाए जाएंगे। टावर में दूषित हवा ऊपर से प्रवेश करेगी और स्वच्छ हवा नीचे से छोड़ी जाएगी। सीपीसीबी के मुताबिक इसमें से ज्यादातर पंखे दूषित हवा खींचने का काम करेंगे। कुछ पंखे स्वच्छ वायु को वातावरण में छोड़ने के लिए उपयोग में लाए जाएंगे।
कितनी होगी क्षमता
सीपीसीबी का दावा है कि स्माग टावर प्रति सेकेंड 960 घन मीटर दूषित हवा को वातावरण से खींचने में सक्षम होगा। एनजीएफएस की मदद से इसमें से प्रति सेकेंड 864 घन मीटर वायु स्वच्छ होकर दोबारा वातावरण में छोड़ी जाएगी।कैसे चलेगा टावरस्माग टावर बिजली से चलेगा। इसके लिए एक मेगावाट बिजली का कनेक्शन लेना प्रस्तावित है। अधिकारियों ने बताया कि करीब 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में टावर की आधारशिला बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से उसके चारों ओर 10-10 मीटर जगह छोड़ी जाएगी।
टावर से जुड़ी अन्य बातें
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- 2600 वर्ग मीटर जमीन का होगा उपयोगा
- लागत 18.53 करोड़ रुपये
- जून 2021 तक इसे बनाकर तैयार कर दिया जाएगा
- पायलट परियोजना के रूप में सीपीसीबी इसे बना रहा