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Ponzi scheme: पुलिस को धोखा देने के लिए निवेशकों के पैन कार्ड का इस्तेमाल करता था संजय भाटी

पौंजी स्कीम के तहत सवा दो लाख लोगों के साथ अरबों की ठगी करने वाली बाइक बोट कंपनी के मालिक के संबंध में चौंकाने वाला पर्दाफाश हुआ है।

By Edited By: Updated: Sun, 09 Jun 2019 12:13 PM (IST)
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Ponzi scheme: पुलिस को धोखा देने के लिए निवेशकों के पैन कार्ड का इस्तेमाल करता था संजय भाटी
नोएडा[प्रवीण विक्रम]। पौंजी स्कीम के तहत सवा दो लाख लोगों के साथ अरबों की ठगी करने वाली बाइक बोट कंपनी के मालिक के संबंध में चौंकाने वाला पर्दाफाश हुआ है। पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि बाइक बोट का मालिक संजय भाटी निवेशकों के पैन कार्ड का प्रयोग कर नाम बदल-बदल कर होटलों में रुकता था। पुलिस की तलाशी के दौरान वह अलग-अलग राज्यों में नाम बदल कर रहा। इसके लिए उसने निवेशकों द्वारा कंपनी में जमा कराए गए पैन कार्ड व आधार कार्ड की प्रति का इस्तेमाल किया।

पुलिस जांच के दौरान यह भी पता चला है कि ठगी के आरोपित संजय भाटी व विजय कसाना ने पहले से ही योजना तैयार कर ली थी कि जब उनके खिलाफ ठगी के मुकदमे दर्ज होंगे और पुलिस उनके पीछे होगी तो वह किस ठिकाने पर कितने दिन छिपेंगे। हरियाणा का बवाना जिला आरोपितों के लिए सबसे अधिक दिन तक पनाहगार बना। उल्लेखनीय है कि दादरी के कोट गांव स्थित बाइक बोट कंपनी के कार्यालय पर पिछले एक साल से निवेशकों ने कई बार हंगामा किया। आरोप है कि सवा दो लाख निवेशकों से अरबों की ठगी की गई। दोगुना मुनाफा का लालच देकर ठगी की शुरुआत की गई।

कंपनी के मालिक संजय भाटी ने शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में समर्पण किया था। वहीं कंपनी के फ्रेंचाइजी हेड विजय पाल कसाना को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मंगलवार को मेरठ से गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपितों के सलाखों के पीछे पहुंचने के बाद निवेशकों में न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

सोमवार को लगेगी रिमांड अर्जी
शुक्रवार को समर्पण के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस सोमवार को जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल करेगी। कोर्ट से संजय भाटी की एक सप्ताह की रिमांड मंजूर करने की मांग पुलिस करेगी। वहीं फ्रेंचाइजी हेड विजय पाल कसाना की रिमांड अर्जी पर सुनवाई कर कोर्ट ने उसे सोमवार को ही कोर्ट में तलब किया है।

कोर्ट में तलब होने के बाद तय होगा कि विजय पाल को कितने दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा जाएगा। इन राज्यों में दबिश देने जा सकती है पुलिस बाइक बोट कंपनी में उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू व गुजरात में अपनी मोटरसाइकिलें लांच की थी। मुकदमे की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा साक्ष्यों के संबंध में इन राज्यों में दबिश देने जा सकती है। पुलिस के संपर्क में अभी सारे निवेशक नहीं आए हैं।

निवेशकों के बयान दर्ज करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा आरोपितों के खिलाफ बयान दर्ज करने के लिए पुलिस अलग-अलग राज्यों के निवेशकों से संपर्क कर रही है। निवेशकों से संपर्क करना आसान नहीं है। इस वजह से पुलिस निवेशकों का बयान दर्ज करने की अपील सोशल मीडिया पर रही है। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा निवेशक आरोपितों के खिलाफ अपने बयान दर्ज करा सकें। दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसके लिए कोर्ट में अर्जी लगाई गई है।

बाइक बोट कंपनी के निवेशकों का दावा है कि निवेशकों की संख्या ढाई लाख से सात लाख तक पहुंच सकती है। यह घोटाला 1400 करोड़ से बढ़कर 4200 करोड़ तक पहुंच सकता है। पुलिस जांच में घोटाले की कई परतें खुल रही है। पुलिस की तरफ से ईडी को लिखे गए पत्र में भी कहा गया है कि वह इस मामले में जांचकर संपत्ति का कुल आंकलन करें। जिससे कि घोटाले की स्पष्ट रकम का पता लगाया जा सके।

वहीं निवेशक विनोद कुमार, नवनीत भाटी, दीपक सहित कई अन्य का कहना है कि या तो उनकी रकम पुलिस बरामद करें या फिर आरोपित की संपत्ति जब्त कर पीड़ितों को उनकी रकम वापस दिलाई जाएं।

दरअसल, पुलिस की अभी तक की जांच में सवा दो से ढाई लाख के बीच निवेशकों के पैन कार्ड मिले हैं जिनका प्रयोग कर बाइक कंपनी में लगाई गई थीं। बाइक बोट कंपनी से कुल कितने निवेशक जुड़े हैं यह अभी पूर्ण रूप से पुलिस जांच में स्पष्ट होना बाकी है। निवेशकों का ही दावा है कि पूरे देश में कुल निवेशकों की संख्या सात लाख के करीब है और घोटाले की रकम 4200 करोड़ है। बाइक बोट घोटाले मामले में पुलिस की कई टीमें जांच कर रही है। मुख्य रूप से आर्थिक अपराध शाखा इस मामले पर नजर टिकाए हुए हैं।

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