बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज... स्मार्ट लुक, फर्राटेदार अंग्रेजी, 21 विदेशी लड़कियों के कत्ल; 'ब्लैक वॉरंट' में उजागर हुए काले चिट्ठे
बिकिनी किलर के नाम से फेमस चार्ल्स शोभराज को ऐसे ही खौफ का दूसरा नाम नहीं कहा जाता था। करीब 21 विदेशी लड़कियों की आबरू लूटकर हत्या करने वाले चार्ल्स शोभराज के काले चिट्ठे ब्लैक वॉरंट किताब में उजागर हुए हैं। इस किताब को लिखने वाले एक्स जेलर सुनील गुप्ता ने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में चौंकाने वाली बातें बताई हैं। पढ़िए एक्स जेलर की इनसाइड स्टोरी-
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तिहाड़ जेल का नाम आते ही लोगों के दिमाग में बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज (Bikini Killer Charles Sobhraj) का चेहरा याद आने लगता है। हालांकि, कुछ लोग चार्ल्स शोभराज के बारे में नहीं जानते होंगे। वह कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि 70 के दशक का शातिर चोर, लुटेरा और खौफ का दूसरा नाम था।
स्मार्ट लुक और फर्राटेदार बोलता था अंग्रेजी
स्मार्ट लुक और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले चार्ल्स शोभराज ने करीब 21 विदेशी महिला पर्यटकों की हत्या की थी। भारत में करीब 21 साल तक जेल में सजा काटने वाले चार्ल्स शोभराज ने एक्स जेलर सुनील गुप्ता को अधिकारी के पद पर सरकारी नौकरी भी दिलाई थी। यह सुनकर आपको भले ही अजीब लग रहा हों लेकिन, उसकी खौफनाक कहानी ने हर किसी को हैरान किया है। आइए आज हम आपको एक ऐसी किताब से रूबरू कराएंगे, जिसमें बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज, रंगा बिल्ला और इंदिरा गांधी के हत्यारों के काले चिट्ठे लिखे हैं।
ब्लैक वॉरंट किताब से उजागर हुए चार्ल्स शोभराज के काले चिट्ठे
तिहाड़ जेल में लॉ ऑफिसर रहे सुनीत गुप्ता (Sunil Gupta) ने एक किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने अपनी नौकरी लगने से लेकर बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज समेत कई कातिलों के काले चिट्ठे लिखे हैं। पहले बात अगर उनकी नौकरी को लेकर करें, तो उन्होंने रेलवे की सरकारी नौकरी छोड़कर जेल की नौकरी के लिए अप्लाई किया था। उन्हें जेल प्रशासन की तरफ से ऑफर लेटर भेजा गया लेकिन, जब वे ज्वॉइनिंग के लिए जेल पहुंचे तो उन्हें वहां नौकरी देने से मना कर दिया गया। जिसके बाद वे ऑफिस से बाहर आकर बेंच पर बैठ गए।
फिर चंद मिनट में बदल गई थी जिंदगी
इसी दौरान वहां से गुजर रहे शख्स को देखकर वे खड़े हो गए। उन्हें लगा कि ये कोई बड़े अधिकारी हैं, क्योंकि जिस तरह वे सूट-बूट में दिख रहे थे, उससे यही अंदाजा लगाया जा सकता था। इतना ही नहीं जब उन्होंने फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की तो उन्हें यकीन हो गया कि ये कोई बड़े अधिकारी ही हैं। हालांकि जब उन्होंने अपनी समस्या बताई तो उन्हें कुछ देर के लिए बैठने को कहा और वे अंदर चले गए। कुछ ही देर बाद जब वह सूट-बूट वाला शख्स उनका ज्वॉइनिंग लेटर लेकर आया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
नौकरी मिलने के बाद याद आया चार्ल्स शोभराज का चेहरा
वहीं, उन्हें नौकरी मिलने के बाद पता चला कि ये कोई अधिकारी नहीं बल्कि खौफ का दूसरा नाम चार्ल्स शोभराज है। आइए अब आपको बताते हैं कि चार्ल्स शोभराज के जरायम की दुनिया के बारे में-
दिखने में इतना स्मार्ट, देखते ही फिदा हो जाती थीं लड़कियां
बिकिनी किलर चार्ल्स शोभराज (Bikini Killer Charles Sobhraj) दिखने में इतना स्मार्ट था कि लड़कियां उसे देखते ही फिदा हो जाती थीं। फटाफट अंग्रेजी बोलने वाला चार्ल्स शोभराज अक्सर गोवा में अकेले घूमने आने वाली विदेशी लड़कियों से दोस्ती कर लेता था। दोस्ती करने के बाद उन्हें रात में डिनर पर बुलाता था और नशीला पदार्थ पिलाकर उनके साथ दुष्कर्म की वारदात करता था।
इतने पर ही नहीं रुकती थी उसकी हद
उसकी हद यहीं तक नहीं रुकती थी, वह उन्हें लूट भी लेता था। अगर युवती इसका विरोध करती थी तो वह उसकी बेरहमी से हत्या कर देता था। वो ऐसी करीब 21 खौफनाक वारदातों को अंजाम दे चुका था। उसने सबसे ज्यादातर थाईलैंड, अमेरिका, नेपाल, यूरोप और भारत की लड़कियों की हत्या की थी।
यह भी पढ़ें- Charles Sobhraj: रिहाई के बाद नेपाल ने चार्ल्स शोभराज को भेजा फ्रांस, 19 साल के बाद जेल से निकला बाहर
गोवा के बीच पर कई बार मिली थीं अर्धनग्न लाशें
ब्लैक वॉरंट (Black Warrant) किताब लिखने वाले सुनील गुप्ता के अनुसार, गोवा के बीच में कई बार अर्धनग्र लाशें भी मिली थीं। ऐसा बताया जाता था कि ये लाशें उन्हीं विदेशी लड़िकयों की होती थीं, जिन्हें चार्ल्स शोभराज दरिंदगी और लूट करने के बाद मार देता था। चार्ल्स केवल उन्हीं लड़कियों को छोड़ता था जो, उसकी हरकतों का विरोध नहीं करती थीं।
यह भी पढ़ें- बचपन में अधजली लाश देखकर बनना चाहता था जासूस, ‘बिकिनी किलर’ शोभराज को गिरफ्तार करने वाले अधिकारी ने किया खुलासा
जेल में कैसा रहता था चार्ल्स शोभराज का रवैया?
एक्स जेलर सुनील गुप्ता की किताब ब्लैक वॉरंट के अनुसार, चार्ल्स शोभराज जेल में काफी एक्टिव रहता था और वह जेल में अक्सर किताबें पढ़ता रहता था। उसे किताबें पढ़ने का बहुत शौक था, जिसके कारण ही उसने जेल में लाइब्रेरी बना रखी थी। वह अपनी लाइब्रेरी में अलग-अलग तरह की किताबें रखता था। चार्ल्स शोभराज ने एलएलबी (LLB) की और फिर वकील बन गया था। खास बात यह है कि उसने अपना केस खुद लड़ा था और वह उसे जीत भी गया था।
चार्ल्स शोभराज से जेल में मिलने आए थे गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह
एक्स जेलर बताते हैं कि एक बार जेल के बाहर ड्यूटी कर रहे सिपाही ने मुझसे आकर कहा कि चार्ल्स से मिलने कोई सरदार जी आए हैं और उन्होंने खुद को भारत का गृह मंत्री बताया है। हालांकि, मैं हैरान रह गया लेकिन, मैंने सिपाही को तुरंत उन्हें अंदर लेकर आने के लिए कहा तो वे जेल में अंदर आए और सीधे चार्ल्स शोभराज से मिलने की बात कहने लगे।
एक्स जेलर सुनील गुप्ता के अनुसार, तत्कालीन गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह (Ex Home Minister Gyani Zail Singh) ने इस दौरान करीब पांच मिनट तक चार्ल्स शोभराज से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान चार्ल्स शोभराज ने गृह मंत्री से टोटल अंग्रेजी में बात की तो सुनील गुप्ता ने दोनों को एक-दूसरे की बात को समझाने का काम किया।
जेल में मिली थीं शराब की खाली बोतलें, अफसरों पर गिरी थी गाज
एक्स जेलर सुनील गुप्ता बताते हैं कि जेल में गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह के जेल से जाने के एक-दो दिन बाद मुझे और कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें पता चला कि जेल में गृह मंत्री को शराब की खाली बोतलें मिली थीं, जिसकी वजह से उन्हें सस्पेंड किया गया है। वे बताते हैं कि मुझे इस बात पर यकीन नहीं हुआ था लेकिन, बाद में पता चला कि किसी ने सच में ही गृह मंत्री को शराब की बोतलें दी थीं। इसके बाद कई बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिरी थी।
जेल से भाग गया था चार्ल्स शोभराज और...
सुनील गुप्ता बताते हैं कि संडे के दिन शाम में करीब साढ़े पांच बजे मैं सिनेमा घर में फिल्म देख रहा था, इसी दौरान फिल्म को रोककर ब्रेकिंग चलाई गई कि शातिर क्रिमिनल चार्ल्स शोभराज जेल से भाग गया है। यह ब्रेकिंग सुनते ही मैं हैरान रह गया और तुरंत ही जेल के लिए निकल लिया। जेल पर जाकर देखा तो गेट पर पुलिस कर्मी नीचे पड़े हुए थे और उनके हथियार भी नीचे पड़े थे।
वे बताते हैं कि उस समय सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि जेल से चार्ल्स शोभराज समेत सिर्फ 13 क्रिमिनल ही जेल से भागे थे। बाकी जो अन्य अपराधी जेल में बंद थे वे नहीं भागे थे। उन सभी अपराधियों का मानना था कि हम अपनी सजा काटने के बाद ही जेल से बाहर जाएंगे।
नेपाल के डीजी पुलिस की लड़की से की शादी
एक्स जेलर का कहना है कि चार्ल्स शोभराज को बिकिनी किलर ऐसे ही नहीं कहा जाता है। वो भी मानते हैं कि उन्हें आज तक यह समझ नहीं आया कि चार्ल्स शोभराज कैसे महिलाओं को अपने जाल में फंसा लेता था। बातों ही बातों में वह महिलाओं को अपनी ओर आकर्षक कर लेता था। इसका एक उदाहरण यह भी है कि उसने नेपाल के डीजी पुलिस की लड़की से शादी की है। उससे उसे एक लड़का भी है।
कैदियों से मसाज कराने की बात पर क्या बोले एक्स जेलर
जब एक्स जेलर सुनील गुप्ता से पूछा गया कि क्या जेल के अधिकारी कैदियों से मसाज कराते थे? इसके जवाब में सुनीत गुप्ता बताते हैं कि हां यह बात सही है कि कैदियों से जेल के अधिकारी मसाज कराते थे। उन्होंने हंसते हुए कहा कि कैदी मसाज भी अच्छी करते थे। मुझे इसका काफी अच्छा अनुभव है। उन्होंने बताया कि कैदियों को अलग-अलग तरह का काम लिया जाता था।
जेल में नाई का काम होता था खूब पॉपुलर
एक्स जेलर सुनील गुप्ता बताते हैं कि जेल में सबसे ज्यादा नाई का काम पॉपुलर होता था। सरदार ज्यादातर बार्बर (नाई) का काम मांगते थे लेकिन, उन्हें नाई का काम कम दिया जाता था। जेल में नाई का काम इसलिए पॉपुलर होता था कि अधिकारियों को उनसे हेयर कट कराना अच्छा लगता था। साथ ही अध अपने हिसाब से अपना नाई सेट करते थे। के हेयर कट करने होते थे। जैसे जो नाई का काम जानते थे, उनसे हेयर व सेविंग कटिंग का काम कराया जाता था। बताया कि जो कैदी काम नहीं करते थे उन्हें सजा दी जाती थी।
चार्ल्स शोभराज के पिता थे भारतीय
शातिर क्रिमिनल चार्ल्स शोभराज की मां वियतनामी और पिता भारतीय थे। उनकी मां अलग होकर रहने लगी थी, क्योंकि दोनों कभी शादी के बंधन में बंधे ही नहीं थे, जिसकी वजह से चार्ल्स के हिंदुस्तानी पिता ने उसे कभी अपनाया ही नहीं। ऐसे में उसके सामने एक ऐसा वक्त भी आया, जब वो किसी भी देश का नागरिक नहीं था।
1944 में हुआ था चार्ल्स शोभराज का जन्म
चार्ल्स शोभराज का जन्म 1944 में वियतनाम के साइगॉन में हुआ था। उस वक्त इस शहर पर जापानियों का कब्जा था। शोभराज की मां ने वियतनाम में तैनात एक फ्रांसीसी फौजी से शादी की और पेरिस चली गई। फ्रांसीसी फौजी ने चार्ल्स को अपना लिया, जिससे उसे फ्रांस की नागरिकता हासिल हो गई। चार्ल्स का पूरा नाम हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज है।