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बॉर्डर पर जमा प्रदर्शनकारियों को हटाने का मामला पहुंचा SC, भाजपा नेता ने कहा- राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली को बंधक बनाया

भाजपा नेता कपिल मिश्र ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली को बंधक बना लिया है। कोरोना संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके दिल्ली में जगह-जगह भीड़ एकत्रित की जा रही है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 05 Dec 2020 08:15 AM (IST)
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भाजपा नेता कपिल मिश्रा की फाइल फोटो।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 3 कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर दिल्ली-यूपी और हरियाणा के बॉर्डर पर जमे हजारों प्रदर्शनकारियों को सीमा से हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। दिल्ली के एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर याचिका दाखिल कहा है कि दिल्ली के बॉर्डर पर  प्रदर्शन के चलते आने-जाने वालों को हो रही परेशानी और इसके चलते कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की भी आशंका गहरा गई है। याचिका में कोर्ट से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए प्रशासन को निर्देश देने की गुजारिश की गई है।

कोर्ट से मांग

कानून के छात्र ऋषभ शर्मा की तरफ से दायर याचिका में कोर्ट से मांग गई की है कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के मानकों का पालन सुनिश्चित कराए, साथ ही दिल्ली के रास्तों को खोलने के लिए प्रशासन को निर्देश दें। इतना ही नहीं, याचिका में किसानों को प्रदर्शन के लिए तय स्थान पर ले जाने के लिए आदेश देने की भी बात कही गई है।

कपिल मिश्र ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली को बंधक बना लिया है। कोरोना संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके दिल्ली में जगह-जगह भीड़ एकत्रित की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने सरकारी निर्देश का पालन करते हुए छठ पर्व भी सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया,  लेकिन आज कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया जा रहा है। बुजुर्गों व बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है। दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रोकी जा रही है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह पहली बार नहीं है, जब दिल्ली को बंधक बनाने की कोशिश हुई है। इससे पहले शाहीन बाग में भी आंदोलन के नाम पर यही हुआ था। नफरत और हिंसा का माहौल बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह से सड़कों को बंद करने को गैर कानूनी कहा था। उन्होंने राष्ट्रपति से दिल्लीवासियों के हित में उचित कदम उठाने की अपील की है।

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