Delhi News: शिक्षकों के स्थानांतरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर उपराज्यपाल से मिले भाजपा नेता
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी की लापरवाही और विभाग के अधिकारियों के साथ उनका तालमेल नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है। वह सवाल उठाती रही हैं कि शिक्षक वर्षों से एक ही स्कूल में क्यों तैनात हैं? सेवा नियम के अनुसार शिक्षकों सहित हर सरकारी कर्मचारी का तीन वर्षों के बाद स्थानांतरण होना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं व शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की। उन्होंने कुछ दिनों पहले लगभग पांच हजार शिक्षकों के स्थानांतरण के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। भाजपा नेताओं का दावा है कि उपराज्यपाल ने सहानुभूतिपूर्ण विचार का आश्वासन दिया।
सचदेवा ने कहा, "दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी की लापरवाही और विभाग के अधिकारियों के साथ उनका तालमेल नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है। वह सवाल उठाती रही हैं कि शिक्षक वर्षों से एक ही स्कूल में क्यों तैनात हैं? सेवा नियम के अनुसार शिक्षकों सहित हर सरकारी कर्मचारी का तीन वर्षों के बाद स्थानांतरण होना चाहिए।"
प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के सांसद थे शामिल
शिक्षा मंत्री के बयान और नियम के अनुसार अधिकारियों ने स्थानांतरण का आदेश दिया। अब वह शिक्षकों को गुमराह कर रही हैं। यदि वह शिक्षकों का हित चाहती हैं तो उन्हें सेवा नियम में बदलाव करना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में सांसद मनोज तिवारी, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत व बांसुरी स्वराज और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली शामिल थे।दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी उपराज्यपाल से शिक्षकों की समस्या दूर करने की मांग की। उनसे शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर अपनी समस्या बताई।ये भी पढ़ें- 'भ्रष्टाचार में डूबी और विफल AAP सरकार को हटाना जरूरी', बीजेपी ने कार्यकारिणी की बैठक में पारित किया प्रस्ताव
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