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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने बनाई रणनीति, 30 सीटों को साधने उतरेंगे 40 हजार कार्यकर्ता

Delhi Assembly Elections लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। अनुसूचित जाति के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पार्टी अनूसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार रही है। पार्टी अनुसूचित जाति बहुल 30 सीटों को साधने के लिए 40 हजार कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारेगी।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 25 Jul 2024 08:06 AM (IST)
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भाजपा ने अनूसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को दिया लक्ष्य फाइल फोटो- जागरण

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। अनुसूचित जाति के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा ने बड़ी तैयारी की है। इसके लिए विधानसभा चुनाव से लगभग छह माह पहले ही अनूसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा जा रहा है। उन्हें पूरी दिल्ली में ऊर्जा लगाने की जगह उन बूथों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है जहां अनुसूचित जाति की संख्या अधिक है।

इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। आने वाले दिनों में इसमें और तेजी लाई जाएगी। दिल्ली की सत्ता से दूर रहने का एक बड़ा कारण अनुसूचित जाति के बीच भाजपा की कमजोर पकड़ है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को इनका समर्थन मिल जाता है, परंतु विधानसभा और नगर निगम चुनाव में पार्टी को निराशा मिलती है।

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वर्ष 2015 व 2020 में क्या था चुनाव परिणाम

यही कारण है कि वर्ष 2015 व 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा एक भी आरक्षित सीट नहीं जीत सकी थी। पहले की तुलना में नगर निगम में भी इसके अनुसूचित जाति से संबंधित पार्षदों की संख्या बहुत कम हो गई है। वर्ष 2017 के निगम चुनाव में इसे 46 आरक्षित वार्डों में से 21 में जीत मिली थी, लेकिन 2022 में यह कम होकर मात्र छह (अब 42 आरक्षित वार्ड हैं।) रह गई है।

लोकसभा चुनाव में मिले समर्थन से बढ़ा है उत्साह

इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 में से नौ विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी। कोंडली, त्रिलोकपुरी, गोकलपुरी, देवली, मादीपुर, पटेल नगर, करोलबाग, मंगोलपुरी, बवाना और नांगलोई जाट विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी आगे रहे थे। वहीं, सीमापुरी, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर माजरा विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2019 में भी इन सीटों पर भाजपा का अच्छा प्रदर्शन रहा था। पार्टी नेतृत्व को लगता है कि यदि सही रणनीति बनाकर काम किया जाए तो विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर जीत प्राप्त की जा सकती है।

चार हजार बूथों की पहचान की गई

दिल्ली में 12 आरक्षित सीटों के अतिरिक्त 18 अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी अनुसूचित जाति की अच्छी संख्या हैं। इन सभी सीटों पर चार हजार बूथों की पहचान की गई है। इन सभी बूथों पर विस्तारक तैनात किए जा रहे हैं।

यह प्रयास किया जा रहा है कि विस्तारक उसी क्षेत्र का रहने वाला हो। उसे मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ मिलकर इनमें से प्रत्येक बूथ पर 10 -10 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करने को कहा गया है। इस तरह से चुनाव से पहले 40 हजार कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करने का लक्ष्य है।

अक्टूबर में आयोजित होगा बड़ा कार्यक्रम

अगले दो से ढाई माह में इन सभी 30 विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जाति का सम्मेलन आयोजित होगा। उसके बाद अक्टूबर या नवंबर राज्य स्तरीय सम्मेलन करने का प्रस्ताव है।