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Delhi School Dispute: स्कूलों के मुद्दे पर सरेराह भिड़े भाजपा के गौरव और AAP के सौरभ, देखिये वीडियो

Delhi School Dispute दिल्ली में स्कूलों और कमरों के निर्माण का मुद्दा फिर गरमा गया है। इसी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया और आम आदमी पार्टी के बीच भिड़ंत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2022 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2022 02:15 PM (IST)
स्कूलों के मुद्दे पर आपस में भिड़े भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया और AAP विधायक सौरभ भारद्वाज,देखिये वीडियो

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi School Dispute: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया लगातार दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार पर हमलावार हैं। पिछले दिनों में  आबकारी नीति में घोटाले को लेकर दिल्ली सरकार को घेरने वाले गौरव भाटिया और AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के बीच भिड़ंत की जानकारी सामने आई है। 

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने 500 में से दो स्कूल दिखाए, जिसमें एक 55 साल पुराना और दूसरा अभी बन रहा है। इसके जवाब में आम आदमी पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सिर्फ दो ही स्कूल देखकर लौट गए भाजपा प्रवक्ता।

बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा बनाए गए स्कूलों देखने के लिए सौरभ भारद्वाज ने ही गौरव भाटिया को बुलाया था।

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वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक ओर जहां स्कूलों को लेकर गौरव भाटिया सवाल उठा रहे हैं, वहीं AAP विधायक सौरभ भारद्वाज स्कूलों की बात पर अपना पक्ष रख रहे हैं। 

गौरव भारद्वाज ने कहा, नहीं दी 500 की सूची

गौरव भाटिया ने इस पूरे मामले में ट्वीट किया है- यह दूसरा स्कूल था जहां आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता (सौरभ भारद्वाज) ले कर गए। वादा 500 स्कूल बनाने का था। पहला पुराना स्कूल आप सरकार द्वारा नहीं बनवाया गया है। दूसरा स्कूल आप प्रवक्ता खुद मान रहे हैं अभी बन रहा है। 500 की सूची बार बार मांगने पर भी नहीं दी

खुद देखिए। 

वहीं, एक अन्य ट्वीट में वीडियो शेयर करते हुए गौरव भारद्वाज ने दिल्ली सरकार की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया है- 'जैसा वादा किया था 11 बजे AAP के प्रवक्ता से 500 नए स्कूल की सूची लेने कौटिल्य विद्यालय पहुंचा।1 बार बार सूची मांगने पर भी प्रवक्ता ने सूची नहीं दी। 2 पुराने बने स्कूल को अपना बताया फिर झूट पकड़ा गया। कट्टर बईमान अरविंद केजरीवाल का शिक्षा मॉडल। खुद ही देख लीजिए।

वहीं, इसके जवाब में सौरभ भारद्वाज ने भी एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है- 'बार-बार रुकने का आग्रह करने पर भी @gauravbh स्कूल के अंदर नहीं गए और भाग गए। उनको कहा कि अभी तो 498 स्कूल और देखने हैं चलिए, मगर वे नहीं माने और भाग गए।

दरअसल, नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के साथ ही भाजपा नेताओ ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को स्कूलों में कमरे निर्माण में गड़बड़ी को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट पर घेरना शुरू कर दिया है।

सोमवार को भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि आबकारी नीति में घोटाले पर जवाब देने की जगह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बार-बार मनीष सिसोदिया को विश्व का सबसे बेहतर शिक्षा मंत्री बता रहे हैं। कह रहे हैं कि उनकी प्रशंसा की खबर न्यूयार्क टाइम्स में छपने की वजह से राजनीतिक द्वेष से उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि उन्होंने दिल्ली के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।

गौरव भाटिया ने कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट से दिल्ली की शिक्षा माडल की सच्चाई सामने आ गई है। कमरों के निर्माण में घोटाला किया गया है। मुख्यमंत्री को विधानसभा में आरोपों का जवाब देना चाहिए। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि 25 जुलाई 2019 को सीवीसी से स्कूलों में कमरों के निर्माण की शिकायत की गई थी। आप ने चुनाव घोषणा पत्र में पांच सौ नए स्कूल बनाने का वादा किया था।

एक भी स्कूल नहीं बने, लेकिन बहुत सुनियोजित तरीके से स्कूलों में आधुनिक कमरे बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग से रिपोर्ट तैयार कराने के बाद घोटाला किया गया। स्कूलों में 24 सौ अतिरिक्त कमरों की जरूरत थी लेकिन इसे बढ़ाकर 7180 दिखाया गया।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के नियमों का उल्लंघन कर नया टेंडर किए बिना निर्माण कार्य की लागत लगभग पांच सौ करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया। उन्होंने कहा कि सीवीसी ने ढाई साल पहले (17फरवरी, 2020) दिल्ली सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंप दी थी।

मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने इस रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की। उन्होंने कहा किस्कूलों में कमरों व अन्य काम के लिए 990 करोड़ आवंटित किए गए। 860 करोड़ रुपये का टेंडर हुआ लेकिन खर्च दिखाया गया 1315 करोड़ रुपये।

टेंडर के अनुसार 6133 कमरे बनने थे लेकिन ज्यादा पैसे खर्च कर भी सिर्फ 4027कमरे बनाए गए। स्कूलों में 160 अतिरिक्त शौचालय की जरूरत लेकिन बताया गया कि 1214 शौचालय बनने हैं। बाद में शौचालय को क्लास रूम बताया दिया गया। स्कूलों में 29 वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने का अनुदान लेकर सिर्फ दो बनाया गया।


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