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MCD में खींचतान के बीच स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में BJP ने मारी बाजी, AAP प्रत्याशी को नहीं मिला एक भी वोट

दिल्ली नगर निगम (MCD) में खींचतान के बीच भाजपा ने स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में बाजी मार ली है। सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया जिससे भाजपा उम्मीदवार सुंदर सिंह को निर्विरोध जीत मिली। स्थायी समिति दिल्ली नगर निगम की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। इसके साथ भाजपा के पास अब पैनल में 10 सदस्य हैं जबकि आप के पास केवल आठ हैं।

By Agency Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 27 Sep 2024 07:28 PM (IST)
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MCD में खींचतान के बीच स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में BJP ने मारी बाजी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एमसीडी की स्थायी समिति के 18वें सदस्य के लिए भाजपा पार्षद सुंदर सिंह ने जीत दर्ज की है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव ने निर्वाचन अधिकारी के तौर पर कार्य किया। चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने के कांग्रेस पहले इनकार कर चुकी थी। जबकि आम आदमी पार्टी ने गैर कानूनी तरीके से चुनाव कराने की बात कहकर चुनाव का बहिष्कार किया। 

चुनाव की प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की गई। इसमें भाजपा के सभी पार्षदों ने हिस्सा लिया था। जिसमें 115 वोट सुंदर सिंह को मिले और आप प्रत्याशी निर्मला कुमारी को शून्य वोट मिले। इससे मतदान किए गए 115 वोटों में से जीतने के लिए जरूरी 58 वोट का कोटा पूरा करने पर सुंदर सिंह को विजयी घोषित कर दिया गया। 

चुनाव प्रक्रिया के लिए ढाई घंटे का समय निर्धारित था

इस चुनाव के बाद एमसीडी स्थायी समिति में चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन बनाने के लिए भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। एलजी के आदेश पर दोपहर एक बजे बैठक हुई थी। इसमें मतदान की प्रक्रिया कराई गई। वार्ड अनुसार पार्षदों को मतदान के लिए आमंत्रित किया गया और बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान हुआ। चुनाव प्रक्रिया के ढाई घंटे का समय निर्धारित किया गया था। इसके लिए एक घंटे में उपस्थित सदस्यों द्वारा मतदान करने के बाद डेढ़ घंटे तक अनुपस्थित सदस्यों का इंतजार किया गया। 

चार बार अनुपस्थित सदस्यों का नाम पुकारा गया

साथ ही चार बार अनुपस्थित सदस्यों को मतदान के लिए नाम पुकारे गए जब कोई सदस्य नहीं आए तो मतगणना कराई गई और मतदान के नतीजे घोषित कर दिए गए। उल्लेखनीय है कि स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव 26 सितंबर को होना था। इस बीच आप पार्षदों ने यह कहते हुए विरोध किया था कि दिल्ली पुलिस उनकी तलाशी नहीं ले सकती। पुलिस इसलिए तलाशी कर रही थी क्योंकि सदन में मतदान होने की वजह से मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित था। 

5 अक्टूबर तक के लिए सदन की बैठक स्थगित

महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने सदन में कहा था कि पार्षदों को बिना तलाशी के अंदर आने की अनुमति दी जाए लेकिन निगम अधिकारियों ने महापौर की मांग को खारिज कर दिया। इस बीच महापौर ने पांच अक्टूबर तक के लिए सदन की बैठक को स्थगित कर दिया था।

इस पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हस्तक्षेप कर निगमायुक्त को आदेश दिए थे कि वह 26 सितंबर को ही चुनाव कराए। साथ ही बैठक की अध्यक्षता के लिए महापौर, उप महापौर और वरिष्ठ पार्षदों से उपस्थित रहने का आग्रह किया। इस पर निगम ने महापौर से आग्रह किया तो उन्होंने यह लिख दिया कि बैठक पांच अक्टूबर को होगी। ऐसे में कोई भी चुनाव की प्रक्रिया कराई जाती है, तो वह अवैध है। 

मुकेश गोयल ने निगम को कोई जवाब नहीं दिया

वहीं, उप-महापौर और वरिष्ठ पार्षद और नेता सदन मुकेश गोयल ने निगम को कोई जवाब नहीं दिया। इस पर निगमायुक्त ने उपराज्यपाल को सारी स्थिति से अवगत कराया तो उपराज्यपाल ने एमसीडी एक्ट के अनुच्छेद 487 का हवाला देते हुए कहा कि अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया और सदन की बैठक एक बजे शुक्रवार को हुई। 

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