दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले थम नहीं रही भाजपा नेताओं की लड़ाई, जिलों और मंडलों में बढ़ रही गुटबाजी
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेताओं के बीच गुटबाजी तेज हो गई है। उत्तर पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र में सांसद योगेंद्र चांदोलिया और पूर्व महापौर मास्टर आजाद सिंह के बीच चल रही लड़ाई पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई है। दोनों नेताओं के बीच विवाद लोकसभा चुनाव के समय से ही शुरू हो गया था। अब मास्टर आजाद सिंह ने सांसद को कानूनी नोटिस भेज दिया है।
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के चार माह से कम समय रह गए हैं, परंतु भाजपा नेताओं की लड़ाई नहीं थम रही है। कई जिलों और मंडलों में गुटबाजी बढ़ रही है। बड़े नेताओं की आपसी लड़ाई से भी कार्यकर्ता निराश हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति उत्तर पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र में है। यहां के सांसद और प्रदेश महामंत्री योगेंद्र चांदोलिया और पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के छोटे भाई और पूर्व महापौर मास्टर आजाद सिंह के बीच लड़ाई पार्टी के लिए चिंता की बात है।
दोनों के बीच विवाद लोकसभा चुनाव के समय से ही शुरू हो गया था। चांदोलिया ने मास्टर आजाद सिंह पर कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज के साथ मंच साझा करने का आरोप लगाया था। उसके बाद से दोनों के बीच मतभेद की बात सामने रही आती है। पिछले माह से यह लड़ाई अधिक बढ़ गई है। 18 सितंबर को सांसद के साथ उपराज्यपाल ने मुंडका क्षेत्र में जर्जर सड़कों का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
राष्ट्रीय नेतृत्व से भी लिखित शिकायत की गई
उनके सामने कुछ लोगों ने नारेबाजी कर दी थी। सांसद ने आजाद सिंह पर नारेबाजी कराने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इससे संबंधित वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद आजाद सिंह ने मुंडका में पंचायत कर सांसद पर तथ्यहीन आरोप लगाकर छवि धूमिल करने व अपमानित करने की बात कही थी। उनके समर्थकों ने कहा था कि यदि सांसद अपने बयान पर क्षमा नहीं मांगेंगे तो इस मामले को दिल्ली देहात के लोगों के बीच लेकर जाएंगे। प्रदेश व राष्ट्रीय नेतृत्व से भी लिखित शिकायत की गई।लोकसभा चुनाव के दौरान लगाए थे झूठे आरोप
अब उन्होंने सांसद को कानूनी नोटिस भेज दिया है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय भी उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए थे। जिस कार्यक्रम की बात की जा रही है कि वह किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं था। युवा संगठन ग्राम सभा 360 द्वारा आयोजित महापंचायत में वह शामिल हुए थे। चांदोलिया सहित अन्य प्रत्याशियों को भी उसमें बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए और बाद में दुष्प्रचार शुरू कर दिया। इस संबंध में सांसद का कहना है कि उनके पास कोई नोटिस नहीं आया है।
दोनों नेताओं के बीच लड़ाई से कार्यकर्ता निराश हैं। उनका कहना है कि यदि पार्टी ने हस्तक्षेप नहीं किया तो विधानसभा चुनाव पर इसका असर पड़ेगा, क्योंकि दिल्ली देहात में जाटों की अच्छी संख्या है।
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