Naresh Tikait: किसान आंदोलन को लेकर BKU अध्यक्ष ने किया बड़ा इशारा, केंद्र सरकार पर लगाया ये गंभीर आरोप
Naresh Tikait यूपी गेट पर आयोजित महापंचायत में नरेश टिकैत ने कहा कि कल ऐसा ना हो की इतिहास उन्हें गलत तरीके से देखे। उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा करवाने की साजिश इन्होंने ही रची थी हम इसके गवाह हैं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 18 Mar 2021 08:32 AM (IST)
नई दिल्ली/गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच बुधवार को यूपी गेट पर हुई महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों में दो फाड़ कराना चाहती है। इसके लिए केंद्र सरकार हर वह नीति अपना रही है, जिससे इस धरने को कमजोर किया जा सके। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से एकजुट होकर धरने को सफल बनाने की अपील की। नरेश टिकैत बुधवार को यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर आए थे। इस दौरान उन्होंने खाप के साथ पंचायत भी की। उन्होंने कहा कि जो लोग आड़े वक्त में साथ छोड़ गए थे, हम उनसे भी गुजारिश करते हैं कि वह भी धरने में शामिल हों। कल ऐसा ना हो की इतिहास उन्हें गलत तरीके से देखे।
यूपी गेट पर आयोजित महापंचायत के दौरान बिना किसी का नाम लेते हुए नरेश टिकैत ने आरोप लगाया कि 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा करवाने की साजिश इन्होंने ही रची थी, हम इसके गवाह हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने पिछले दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक पंचायत में यह भी कहा था कि ये धर्मयुद्ध है, इस आंदोलन से पीछे हटे तो किसानों को बर्बाद होने से कोई रोक नहीं सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार बड़ी चालाकी से आपकी जमीन को कब्जाना चाह रही है और यदि ऐसा हुआ तो आप मजदूर बनकर रह जाओगे।
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किसानों को नहीं मिल रहा है एमएसपी का लाभ
किसानों को नहीं मिल रहा है एमएसपी का लाभ
किसान नेता राकेश टिकैत का आरोप है कि वर्तमान में देश के किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गन्ने का मूल्य तीन साल से नहीं बढ़ा और आलू तो किसान वाजिब दाम पाने के लिए भटक रहा है। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी करने का बात करने वाली इस सरकार ने किसानों को धरती पर लाकर पटक दिया है।
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नेताओं की मौजूदगी तय करती है धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों की भीड़
तीन कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से यूपी गेट पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों की संख्या धरना स्थल पर नेताओं की मौजूदगी तय करती है। जब प्रदर्शनकारियों के नेता धरना स्थल पर होते हैं तो प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ जाती है और नेताओं के जाते ही प्रदर्शनकारी मुट्ठीभर रह जाते हैं। खासकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं यूपी गेट के धरने का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत की मौजूदगी के समय भीड़ अधिक रहती है और राकेश टिकैत के धरना स्थल से जाते ही भीड़ कम हो जाती है। पिछले काफी समय से राकेश टिकैत यूपी गेट पर नहीं आ रहे हैं, इसके चलते काफी समय से यहां भीड़ गायब हो गई है। कभी-कभार राकेश टिकैत आते हैं तो उस दिन भीड़ बढ़ जाती है। बुधवार को आयोजित महापंचायत में भी ऐसा ही हुआ। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के आने से भीड़ कई गुना बढ़ी, लेकिन धीरे-धीरे यह कम हो जाएगी।
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