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Delhi Unlock 4.0 Guidelines: दरियागंज में आज से फिर खुलेगा ज्ञान का ‘भंडार’, पढ़ें- नियम व शर्तें

दरियागंज बुक पटरी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमर सईद ने कहा कि बाजार लगने की अनुमति मिलने से वे खुश हैं कि पांच माह बाद हम घरों से बाहर निकलेंगे और दुकानें लगाएंगे।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 30 Aug 2020 10:01 AM (IST)
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Delhi Unlock 4.0 Guidelines: दरियागंज में आज से फिर खुलेगा ज्ञान का ‘भंडार’, पढ़ें- नियम व शर्तें

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। जमीन पर रविवार से फिर से पुरानी किताबों का बाजार लगने लगेगा। पांच माह के बाद आखिरकार दरियागंज का प्रसिद्ध रविवार पुस्तक बाजार नए रूप में आसफ अली रोड स्थित महिला हाट में लगेगा। इसके लिए नगर निगम व दिल्ली पुलिस ने अनुमति दे दी है। हालांकि, साप्ताहिक बाजारों के लिए जारी दिल्ली सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार यह बाजार सुबह की जगह शाम 4 बजे से शुरू होकर रात्रि 10 बजे तक लगेगा। कोरोना को देखते हुए दुकानदारों को भी सीमित किया गया है। केवल 90 दुकानदारों को बैठने की जगह दी गई है।

50 वर्ष से भी अधिक पुराना यह पुस्तक बाजार पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है। दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न स्थानों के साथ उत्तर भारत के लोग दिल्ली आने पर इस बाजार से पुस्तकों की खरीदारी करते हैं। यह पेपरबैक व सेकेंड हैंड पुस्तकों का समृद्ध संसार है। यहां पुस्तकें काफी कम मूल्य पर मिल जाती हैं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय लेखकों के साहित्य से लेकर विज्ञान, अर्थ, समाज, धर्म, संगीत व पाक कला समेत अन्य विधा की पुस्तकें मिल जाती हैं। इसके अलावा प्रतियोगिता परीक्षाओं व पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी सस्ते दाम पर उपलब्ध होती हैं। कहा जाता है कि जो पुस्तकें कहीं और नहीं मिलतीं, वे यहां मिल जाती हैं। इसलिए यहां हर रविवार को खरीदारों की खासी भीड़ रहती है।

यहां प्रेमचंद्र, जयशंकर प्रसाद, निराला, चेतन भगत, टैगोर से लेकर प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय लेखक विलियम शेक्सपियर व रिचर्ड बाख समेत अनगिनत लेखकों की पुस्तकें मिल जाती हैं। यह पुस्तक प्रेमियों के लिए साहित्य के संसार की तरह है। वैसे, इस बाजार पर कई बार संकटों के बादल मंडराए। उत्तरी निगम की ओर से दो बार अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए लंबे वक्त के लिए बंद कर दिया गया। आखिरकार, लंबी लड़ाई के बाद इस साप्ताहिक बाजार के दुकानदारों को पिछले वर्ष महिला हाट में दुकान लगाने की अनुमति दी गई। वहां कामकाज सामान्य होता कि कोरोना आ गया।

दरियागंज बुक पटरी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमर सईद ने कहा कि बाजार लगने की अनुमति मिलने से वे खुश हैं कि पांच माह बाद हम घरों से बाहर निकलेंगे और दुकानें लगाएंगे, लेकिन प्रशासन के प्रावधानों से चिंतित भी हैं। प्रशासन ने महज 90 दुकानदारों को दुकानें लगाने की अनुमति दी है, जबकि दुकानदार 200 से ज्यादा हैं। इसी तरह बाजार शाम को लगाने को कहा गया है, जबकि हमारे बाजार में लड़कियां भी आती हैं। वे दोपहर में आती है, लेकिन बाजार शाम से रात तक लगेगा। ऐसे में वे सुरक्षा कारणों से बाजार में आने से परहेज करेंगी।

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