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ब्रेन में ट्यूमर होने के ये है बड़े संकेत, अनदेखी पड़ सकती है भारी; रहे सतर्क

Brain Tumor Symptoms गाजियाबाद के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के न्यूरो सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डा. मनीष वैश्य ने बताया कि लाइलाज नहीं है ब्रेन ट्यूमर। सटीक पहचान और समुचित इलाज से दी जा सकती है इसे मात...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 12:39 PM (IST)
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Brain Tumor Symptoms: ब्रेन ट्यूमर धीरे (लो ग्रेड) या तेजी (हाई ग्रेड) से विकसित हो सकता है।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। जब ब्रेन (मस्तिष्क) में ट्यूमर विकसित होने लगता है तो शरीर कुछ संकेत देता है। यदि हम इन संकेतों को पहचान लें और समय रहते उपचार शुरू हो जाए तो संभावित खतरों को टाला जा सकता है। अगर लगातार सिरदर्द रहने लगे, सुबह-सुबह इतना तेज सिरदर्द हो कि नींद खुल जाए, जी मिचलाए, अचानक देखने, सुनने व बोलने में परेशानी होने लगे तो इसे सामान्य समस्या मानकर अनदेखी न करें। ये ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में पीड़ित को तत्काल न्यूरोलाजिस्ट को दिखाना चाहिए। यदि जांच में ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि होती है तो उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है।

ब्रेन ट्यूमर: जब सामान्य कोशिकाएं असामान्य रूप से विकसित होकर गुच्छे का रूप ले लेती हैं तो उसे ट्यूमर कहते हैं। ट्यूमर कैंसर से ग्रसित व बिना कैंसर वाला हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के अधिकतर मामलों में तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित होती है। 

प्रमुख जांचें

  • बायोप्सी
  • इमेजिंग टेस्ट
  • न्यूरोलाजिकल टेस्ट
  • कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी) और पोजीट्रान इमिशन टोमोग्राफी (पीईटी)
उपचार: ट्यूमर का उपचार इस पर निर्भर करता है कि उसका ग्रेड क्या है और मस्तिष्क के किस भाग में है। इसी के आधार पर सर्जरी की जाती है। यदि ट्यूमर कैंसरग्रस्त है तो उपचार में रेडिएशनथेरेपी, कीमोथेरेपी, टारगेट ड्रग थेरेपी आदि का प्रयोग भी किया जाता है।

माइक्रो एंडोस्कोपिक सर्जरी: पहले ब्रेन ट्यूमर को एक घातक बीमारी माना जाता था, लेकिन अत्याधुनिक तकनीकों ने इसके उपचार को न केवल आसान बना दिया है, बल्कि स्वस्थ होने का प्रतिशत भी बढ़ा है। माइक्रो एंडोस्कोपिक सर्जरी (एमईएस) पारंपरिक सर्जरी की तुलना में बहुत सुरक्षित व कारगर है।

सावधानी है जरूरी

  • तंबाकू का सेवन न करें
  • अल्कोहल व मटन-चिकन के सेवन से बचें
  • अपनी फिटनेस का ध्यान रखें, वजन न बढ़ने दें
  • रोजाना 30-40 मिनट योग और एक्सरसाइज करें
  • पत्तेदार सब्जियों को भोजन में अवश्य शामिल करें
  • अत्यधिक वसा युक्त खाद्य पदार्थ, ड्रिंक्स व जंक फूड्स से परहेज करें
उपचार के बाद की प्रक्रिया: अगर उपचार के बाद दैनिक गतिविधियां करने और बोलने में समस्या हो रही हो तो फीजियो थेरेपी, स्पीच थेरेपी और आक्युपेशनल थेरेपी की सहायता लेनी पड़ती है। अगर ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के उस भाग में भी विकसित हुआ था, जहां से बोलने, सोचने और देखने की क्षमता नियंत्रित होती है तो सर्जरी के बाद भी ये गतिविधियां सामान्य रूप से एक सीमा तक ठीक हो पाती हैं। ऐसे मरीजों को स्पीच थेरेपी दिलाई जाती है। जिन लोगों में मांसपेशियों की अक्षमता बनी रहती है, उन्हें फीजियो थेरेपी के सेशन दिए जाते हैं। कुछ मामलों में मरीज की सामान्य दैनिक गतिविधियों को फिर से प्राप्त करने के लिए आक्युपेशनल थेरेपी का सहारा लेना पड़ता है।

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