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JNU Student Union Election: वाम संगठनों में प्रत्याशी के लिए मंथन जारी, एबीवीपी वरिष्ठ छात्र पर लगाएंगी दांव

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव कोविड महामारी के चलते 2019 के बाद से नहीं हुआ है। इस कारण इस बार जेएनयू परिसर में गहमागहमी कुछ ज्यादा ही है। शुक्रवार को नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसके लिए सभी दलों ने प्रत्याशियों के नाम पर जमकर मंथन किया। जेएनयू में 22 मार्च को छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान होगा। 24 मार्च को अंतिम परिणाम जारी किए जाएंगे।

By Sonu Suman Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 14 Mar 2024 07:46 PM (IST)
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JNU Student Union Election के लिए वाम संगठनों में प्रत्याशी के लिए मंथन जारी।
उदय जगताप, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल किए जाएंगे। गुरुवार को छात्र संगठन प्रत्याशियों के नाम पर एकमत होने के लिए मंथन करते रहे। चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सामने सभी वाम संगठन अपने प्रत्याशी उतारते हैं।

एसएफआई और आईसा ने अपने प्रत्याशी तय कर लिए हैं, लेकिन दूसरे संगठनों से उन नामों पर सहमति बनाई जाने की कोशिश की जा रही है। शनिवार को अंतिम नाम तय होगा। उधर, एबीवीपी वरिष्ठ छात्र पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है।

जेएनयू में 22 मार्च को छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान होगा। 24 मार्च को अंतिम परिणाम जारी किए जाएंगे। शुक्रवार को 9.30 से शाम पांच बजे तक नामांकन भरे जाएंगे। शनिवार को शाम तीन बजे प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। उधर, छात्र संगठनों का प्रचार जारी है। हालांकि, उससे पहले सभी प्रत्याशियों के नामों पर एक राय बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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कोविड के कारण 2019 से नहीं हुए चुनाव

जेएनयूएसयू में करीब 13 अध्ययन केंद्रों में 48 काउंसलर और चार केंद्रीय पदाधिकारी का चुने जाएंगे। काउंसलर के लिए जेएनयू में सभी छात्र संगठन अपने प्रत्याशी उतारते हैं। लेकिन, चार केंद्रीय पदाधिकारियों के लिए वाम संगठन गठबंधन प्रत्याशी उतारते रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) अकेले चुनाव लड़ती है। कोविड महामारी के चलते 2019 के बाद से चुनाव नहीं हुआ है।

आखिरी बार आईशी घोष बनीं थी अध्यक्ष

आखिरी बार स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की तरफ से अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारा गया था और सभी ने समर्थन दिया था। इसमें आईशी घोष अध्यक्ष चुनीं गईं थीं। उससे पहले 2017-18 में ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) की तरफ से अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारा गया था। वे अध्यक्ष पद जीते भी थे। इस बार भी आईसा या एसएफआई की ओर से ही अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारा जाएगा। हालांकि एसएफआई 2019 से पहले 2012 में ही अध्यक्ष पद पर लड़ सकी है।

चार साल बाद हो रहे हैं चुनाव

आईसा के पदाधिकारी ने कहा, "चार साल से चुनाव नहीं हुए हैं और एसएफआई की अध्यक्ष इस दौरान रहीं हैं। इसलिए एसएफआई से आईसा को समर्थन देने के लिए मनाया जा रहा है।" एसएफआई ने विधि और शासन अध्ययन केंद्र के पीएचडी छात्र उमेश यादव को प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर, आईसा ने आर्ट्स और एस्थेटिक्स अध्ययन केंद्र के पीएचडी छात्र धनंजय को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है। उनकी ओर से मधुरिमा कुुंडु का नाम भी आगे चल रहा है।

अध्यक्ष पद के लिए स्वाति सिंह का नाम आगे

डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन (डीएसएफ), ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडेशन (एआईएसफ), बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा), छात्र आरजेडी, एनएसयूआई की सहमति के बाद ही इन नामों पर एक राय बन सकेगी। सचिव पद के लिए डीएसफ की अध्यक्ष स्वाति सिंह और सचिव अनघा प्रदीप के नाम आगे हैं। सचिव पद पर बात नहीं बनीं तो इन्हें उपाध्यक्ष या संयुक्त सचिव पद पर उतारा जा सकता है।

NSUI और बापसा एक साथ उतारेंगे उम्मीदवार

एनएसयूआई और बापसा के एक साथ मिलकर लड़ने की भी बात सामने आ रही है। नामांकन के बाद ही तय हो पाएगा कि कौन सा संगठन किस पद पर प्रत्याशी उतारेगा। एबीवीपी पूरी ताकत झोंककर लड़ाई लड़ रही है। जेएनयू इकाई के अध्यक्ष उमेश अजमीरा और वरिष्ठ कार्यकर्ता गोविंद के नाम सबसे आगे हैं।

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