JNU Student Union Election: वाम संगठनों में प्रत्याशी के लिए मंथन जारी, एबीवीपी वरिष्ठ छात्र पर लगाएंगी दांव
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव कोविड महामारी के चलते 2019 के बाद से नहीं हुआ है। इस कारण इस बार जेएनयू परिसर में गहमागहमी कुछ ज्यादा ही है। शुक्रवार को नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसके लिए सभी दलों ने प्रत्याशियों के नाम पर जमकर मंथन किया। जेएनयू में 22 मार्च को छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान होगा। 24 मार्च को अंतिम परिणाम जारी किए जाएंगे।
उदय जगताप, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल किए जाएंगे। गुरुवार को छात्र संगठन प्रत्याशियों के नाम पर एकमत होने के लिए मंथन करते रहे। चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सामने सभी वाम संगठन अपने प्रत्याशी उतारते हैं।
एसएफआई और आईसा ने अपने प्रत्याशी तय कर लिए हैं, लेकिन दूसरे संगठनों से उन नामों पर सहमति बनाई जाने की कोशिश की जा रही है। शनिवार को अंतिम नाम तय होगा। उधर, एबीवीपी वरिष्ठ छात्र पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है।
जेएनयू में 22 मार्च को छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान होगा। 24 मार्च को अंतिम परिणाम जारी किए जाएंगे। शुक्रवार को 9.30 से शाम पांच बजे तक नामांकन भरे जाएंगे। शनिवार को शाम तीन बजे प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। उधर, छात्र संगठनों का प्रचार जारी है। हालांकि, उससे पहले सभी प्रत्याशियों के नामों पर एक राय बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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कोविड के कारण 2019 से नहीं हुए चुनाव
जेएनयूएसयू में करीब 13 अध्ययन केंद्रों में 48 काउंसलर और चार केंद्रीय पदाधिकारी का चुने जाएंगे। काउंसलर के लिए जेएनयू में सभी छात्र संगठन अपने प्रत्याशी उतारते हैं। लेकिन, चार केंद्रीय पदाधिकारियों के लिए वाम संगठन गठबंधन प्रत्याशी उतारते रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) अकेले चुनाव लड़ती है। कोविड महामारी के चलते 2019 के बाद से चुनाव नहीं हुआ है।आखिरी बार आईशी घोष बनीं थी अध्यक्ष
आखिरी बार स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की तरफ से अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारा गया था और सभी ने समर्थन दिया था। इसमें आईशी घोष अध्यक्ष चुनीं गईं थीं। उससे पहले 2017-18 में ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) की तरफ से अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारा गया था। वे अध्यक्ष पद जीते भी थे। इस बार भी आईसा या एसएफआई की ओर से ही अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारा जाएगा। हालांकि एसएफआई 2019 से पहले 2012 में ही अध्यक्ष पद पर लड़ सकी है।
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