Delhi में बढ़ रही कैंसर की बीमारी, डेढ़ दशक में मौत हुई दोगुनी; दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में चौंकानेवाले खुलासे
वर्ष 2009 में दिल्ली में कैंसर से 3936 मरीजों की मौतें हुई थीं। जिसमें से 3227 मरीजों की मौत अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई थी। जबकि पिछले वर्ष 7926 मरीज कैंसर से काल के शिकार हो गए। जिसमें से 6054 मरीजों की मौत अस्पतालों में हुईं। हर उम्र के लोग कैंसर से जान गंवा रहे हैं लेकिन 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मौतें अधिक हुई।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। अब इसे खराब खानपान या बिगड़ती जीवनशैली का असर कह लें या कुछ और लेकिन चिंताजनक यह है कि राष्ट्रीय राजधानी में कैंसर की बीमारी बढ़ रही है। इस वजह से पिछले डेढ़ दशक में ही कैंसर से मौतें करीब दोगुनी हो चुकी हैं। दिल्ली सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी जन्म व मृत्यु पंजीकरण रिपोर्ट से यह बात सामने आई है।
पिछले वर्ष दिल्ली में 6.83 प्रतिशत मौतों का कारण कैंसर की बीमारी बनी। इससे विभिन्न संक्रमण, हृदय रक्तवाहिनियों की बीमारियों व सांस रोग के बाद कैंसर की बीमारी दिल्ली में मौत का चौथा बड़ा कारण साबित होने लगी है। पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर से मौतें सबसे ज्यादा हो रही हैं।
दिल्ली में 2009 में कैंसर से 3936 मरीजों की मौत
वर्ष 2009 में दिल्ली में कैंसर से 3936 मरीजों की मौतें हुई थीं। जिसमें से 3227 मरीजों की मौत अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई थी। जबकि पिछले वर्ष 7926 मरीज कैंसर से काल के शिकार हो गए। जिसमें से 6054 मरीजों की मौत अस्पतालों में हुईं। हर उम्र के लोग कैंसर से जान गंवा रहे हैं, लेकिन 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मौतें अधिक हुई।
पाचन तंत्र के कैंसर से सात साल में मौतें हुई दोगुनी से ज्यादा
वर्ष 2007 में पाचन तंत्र के कैंसर से 601 मरीजों की मौतें हुई हुई थी। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 1550 से अधिक पहुंच गया। इससे पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर से मौतें सात वर्ष में ही दोगुनी से ज्यादा हो गईं। एम्स के पूर्व डीन व मैक्स आंकोलॉजी सेंटर के वाइस चेयरमैन डॉ. पीके जुलका ने कहा कि तंबाकू और धूमपान तो कैंसर के बड़े कारण है हीं, अब लोग बाहरी की बनी चीजें अधिक खाने लगे हैं। इससे फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, प्रिजर्वेटिव के मिलावट वाले खानपान का इस्तेमाल बढ़ गया है।
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