'इस मामले में दो पहलू', आशा किरण शेल्टर होम में हुई 14 कैदियों की मौत पर HC की अहम टिप्पणी
राजधानी दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शेल्टर होम में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए दिल्ली जल बोर्ड को आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि एक तो आपराधिक जांच और दूसरा जिम्मेदारी तय करना। ये दोनों उपाय उपाय जल्दी से जल्दी किए जाएं। हाईकोर्ट ने पांच तारीख को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आशा किरण केंद्र में हुई 14 कैदियों की मौत के मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई। समाधान अभियान की तरफ से दायर जनहित याचिका पर अदालत ने पांच अगस्त को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था।
अदालत की निगरानी में हो जांच-याचिकाकर्ता
याचिका में अदालत (Delhi High Court) की निगरानी में जांच की मांग की मांग की गई है। याचिका में वैकल्पिक रूप से मामले की सीबीआई जांच के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी के सभी आश्रय गृहों के सामाजिक ऑडिट की मांग की गई है ताकि आश्रय गृहों की सही स्थिति सामने आ सके।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्वामित्व वाले निकायों सहित आश्रय गृह के कामकाज में गंभीर खामियां हैं। वहीं, दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि मरने वाले 14 कैदियों में से केवल एक बच्चा था, जबकि अन्य वयस्क थे। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि सभी मृत व्यक्ति गंभीर श्रेणी की बौद्धिक अक्षमताओं और अन्य सह-रुग्णताओं से पीड़ित थे।
पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हों-हाईकोर्ट
यह भी सूचित किया कि ज्यादातर मौतें अस्पताल में हुईं और मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है और रिपोर्ट का इंतजार है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो पहलू हैं। एक तो आपराधिक जांच और जिम्मेदारी तय करना और ये दोनों उपाय उपाय जल्द से जल्द किए जाने चाहिए।
अदालत ने कहा कि अगर कोई समस्या है तो सबसे पहले उसका पता लगाएं। कोर्ट ने आगे टिप्पणी की कि अगर आश्रय गृह में पीने के पानी की कमी है तो यह सुनिश्चित किया जाए कि पर्याप्त पानी उपलब्ध हो। यदि स्वच्छता की स्थिति की समस्या है तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हों।
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