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हौजखास थाने में सिंगर हनी सिंह के साथ दु‌र्व्यवहार करने वालों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम

मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ितों और संबंधित लोगों से पूछताछ की थी। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच की जा रही है। दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त बेनिता मेरी जैकर ने बताया कि अभी तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 07 Apr 2022 07:21 PM (IST)
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सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर पुलिस आरोपितों की कर रही पहचान
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हौज खास थाना क्षेत्र के एक क्लब में चलते शो के दौरान कुछ लोग सिंगर हनी सिंह (हिरदेश सिंह) के साथ दु‌र्व्यवहार करने लगे। इससे वहां अफरातफरी मच गई और हनी सिंह को अपना शो बीच में ही बंद करना पड़ा। इसके बाद बाकी अन्य कलाकार भी लौट गए। आयोजकों की शिकायत पर पुलिस ने मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया।

हालांकि पुलिस आरोपितों को अभी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। दरअसल 27 मार्च को साउथ एक्स-2 स्थित स्काल क्लब में हनी सिंह के शो में कुछ लोग जबरन घुस गए। आरोपितों ने हनी सिंह और अन्य कलाकारों को स्टेज पर जाकर जान से मारने की धमकी दी। शो के बीच में ही आरोपितों ने उन्हें बीयर की बोतलें भी दिखाई और रैपर का हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की।

आयोजकों ने इस पर शिकायत देकर मामला दर्ज कराया। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ितों और संबंधित लोगों से पूछताछ की थी। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच की जा रही है। दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त बेनिता मेरी जैकर ने बताया कि अभी तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर पुलिस आरोपितों की पहचान कर रही है।

पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगी

दिल्ली हाइकोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश पर स्टे देते हुए द्वारका जिले के पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। पुलिस कर्मियों पर आरोप था कि उन्होने एक मामले में तीन आरोपितों को एक साथ घुटने पर गोली मारकर घायल कर दिया। जस्टिस योगेश खन्ना ने अगले आदेश तक पुलिस कर्मियों को राहत दी है। हाइकोर्ट ने तीनों आरोपितों को भी नोटिस जारी किया है जिनके लिए अब तक कोई वकील सामने नहीं आया है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस की उस याचिका पर भी अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। जिसमें सेशन कोर्ट द्वारा आरोपितों को जमानत दिए जाने व पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के खिलाफ अपील की गई थी।

पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से पुलिस के अपराध के खिलाफ अभियान में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 तथा 21 द्वारा मिले अधिकारों का भी उल्लंघन होगा। बचाव पक्ष ने कहा कि सेशन कोर्ट ने एक ही मामले के तीन अलग-अलग एफआइआर को एक में ही सम्मिलित कर आरोपितों दीपक चौहान, बबलू और एजाज को जमानत दे दी थी।

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