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Delhi Coaching Incident: हाईकोर्ट ने CBI से पूछे कई अहम सवाल, तीन IAS अभ्यर्थियों की डूबकर हुई थी मौत

ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई को हुई भारी बारिश के बाद हुए जलभराव की जांच कर रही सीबीआई से दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा है कि उस दिन इतना जलजमाव क्यों हुआ? क्या वर्षा कारण थी या कुछ और। जलभराव के कारण बेसमेंट में फंसे तीन आइएएस अभ्यर्थियों की डूबने से मौत हो गई थी। कोर्ट ने सीबीआई को इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

By Vineet Tripathi Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 12 Sep 2024 09:25 PM (IST)
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दिल्ली हाई कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के मामले में सीबीआई से सवाल किए। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Coaching Accident दिल्ली में 27 जुलाई को हुई भारी वर्षा के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में बड़े पैमाने पर जलभराव क्यों हुआ और इसके पीछे का क्या कारण था। बृहस्पतिवार को यह सवाल दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी से किया।

हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछे कई सवाल

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने बेसमेंट सह-मालिकों की जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखते हुए सीबीआई से पूछा कि उस दिन क्या कारण था? उस दिन इतना जलजमाव क्यों हुआ? क्या वर्षा कारण थी या कुछ और। जलभराव के कारण बेसमेंट में फंसे तीन आईएएस अभ्यर्थियों की डूबने के कारण मौत हो गई थी।

रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश

अदालत ने सीबीआई को इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने हलफनामा दाखिल करके क्षेत्र में जलभराव का कारण, घटना के दिन हुई वर्षा की मात्रा के साथ-साथ कोचिंग सेंटर के गेट पर भारी गेट लगाने के कारण पानी के अवरुद्ध होने के पहलू पर जानकारी दें।

अदालत ने सीबीआई से कहा कि एजेंसी एक बहुत महत्वपूर्ण मामले की जांच कर रही है। अदालत ने एजेंसी से पूछा कि क्या राव के आईएएस स्टडी सर्कल के पास की अन्य इमारतों में भी बाढ़ आ गई है।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए बेसमेंट के सह-मालिक परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह जमानत देने की मांग की थी। उन्होंने जमानत देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी है।

जवाब में सीबीआई ने क्या कहा?

जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि जांच शुरुआती चरण में है और जब तक गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती, तब तक कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वे प्रभावित हो सकते हैं। कोर्ट के पूछने पर सीबीआई ने कहा कि वर्तमान आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ 10 दिनों में आरोप पत्र दायर होने की उम्मीद है।

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वहीं, एक मृतक के पीड़ित पिता नेविन डाल्विन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने जमानत याचिका खारिज करने की मांग करते हुए कहा कोचिंग सेंटर सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन कर चलाया जा रहा था और सह-मालिकों को पता था कि नियमाें का अनुपालन नहीं करने से मौतें हो सकती हैं।

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इस पर पीठ ने आरोपित व्यक्तियों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर से पूछा कि क्या वे मृतक अभ्यर्थियों के परिवार को कोई हर्जाना या मुआवजा देंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नेक काम में योगदान देंगे।

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