ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे पर कोर्ट में CBI का बड़ा खुलासा, कोचिंग के मालिक पर जांच एजेंसी ने लगाए गंभीर आरोप
ओल्ड राजेंद्र नगर राव आईएएस स्टडी सर्किल में हुए हादसे में कोर्ट ने बड़ा खुलासा करते हुए कोचिंग के मालिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि राव आईएएस के मालिक ने जानबूझकर बेसमेंट का इस्तेमाल किया था। इस मामले में छह लोगों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर विस्तार से।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में सिविल सेवा के तीन उम्मीदवारों की डूबने से हुई मौत के मामले में गिरफ्तार छह लोगों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि राव आईएएस के मालिक ने जानबूझकर बेसमेंट का इस्तेमाल किया था।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने कोचिंग के सीईओ अभिषेक गुप्ता, कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह, बेसमेंट के चार सह-मालिक तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और परविंदर सिंह को चार सितंबर तक हिरासत में भेज दिया।
छह आरोपितों की चार दिनों की पुलिस हिरासत की मांग
न्यायाधीश ने सीबीआई द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया, जिसमें पूछताछ के लिए सभी छह आरोपितों की चार दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोप लगाया कि संस्थान के मालिक ने दिल्ली नगर निगम द्वारा स्वीकृत उपयोग के उल्लंघन में बेसमेंट का व्यावसायिक उद्देश्य से जानबूझकर इस्तेमाल किया।MCD ने कोचिंग को कारण बताओ नोटिस जारी किया था
सीबीआई ने अदालत को दिए अपने बयान में कहा कि उसकी जांच से यह भी पता चला है कि वर्ष 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा उठाए जाने के बाद करीब एक साल तक संस्थान के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था। पिछले साल जब हाईकोर्ट के समक्ष यह मामला उठाया गया था कि क्षेत्र के कई कोचिंग संस्थानों के पास अनिवार्य अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं है, तो नगर निगम ने राव के आइएएस स्टडी सर्किल के मालिक को भी मास्टर प्लान-2021 का अनुपालन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
संस्थान को नौ जुलाई 2024 को प्रमाणपत्र जारी किया गया
सीबीआई ने दलील दी कि आठ अगस्त 2023 को जवाब में कोचिंग ने नगर निगम को आश्वासन दिया कि उन्होंने अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है। अंत में संस्थान को नौ जुलाई 2024 को प्रमाणपत्र जारी किया गया। सीबीआई ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि निगम ने नौ अगस्त 2021 को इमारत को स्पष्ट रूप से अधिभोग प्रमाणपत्र दिया था जिसमें कहा गया था कि बेसमेंट का उपयोग केवल सीढ़ी, लिफ्ट, लॉबी, शौचालय, पार्किंग, घरेलू भंडारण और कार लिफ्ट के लिए किया जा सकता है।2022 को इमारत के सह-मालिकों के साथ एक लीज एग्रीमेंट
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कोचिंग संस्थान के मालिक अभिषेक गुप्ता ने पांच जनवरी, 2022 को इमारत के सह-मालिकों के साथ एक लीज एग्रीमेंट किया था, जिसके तहत इमारत को चार लाख रुपये प्रति माह किराए पर नौ साल के लिए लीज पर लिया गया था। इमारत के बेसमेंट का इस्तेमाल लाइब्रेरी और परीक्षा हॉल के लिए किया जा रहा था, जिसमें 80-90 लोगों के बैठने की क्षमता थी।
एजेंसी ने दलील दी कि उसकी जांच से पता चला है कि छात्र वहां दिन भर पढ़ाई और परीक्षा देने के लिए बैठते थे। सीबीआई ने अदालत को बताया कि बेसमेंट के स्वीकृत उपयोग के उल्लंघन में, पट्टादाता और पट्टाधारक ने जानबूझकर कोचिंग संस्थान चलाने के व्यावसायिक उद्देश्य के लिए बेसमेंट का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।
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