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ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे पर कोर्ट में CBI का बड़ा खुलासा, कोचिंग के मालिक पर जांच एजेंसी ने लगाए गंभीर आरोप

ओल्ड राजेंद्र नगर राव आईएएस स्टडी सर्किल में हुए हादसे में कोर्ट ने बड़ा खुलासा करते हुए कोचिंग के मालिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि राव आईएएस के मालिक ने जानबूझकर बेसमेंट का इस्तेमाल किया था। इस मामले में छह लोगों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर विस्तार से।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 31 Aug 2024 10:47 PM (IST)
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कोर्ट ने कोचिंग मामले में गिरफ्तार छह लोगों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में सिविल सेवा के तीन उम्मीदवारों की डूबने से हुई मौत के मामले में गिरफ्तार छह लोगों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि राव आईएएस के मालिक ने जानबूझकर बेसमेंट का इस्तेमाल किया था।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने कोचिंग के सीईओ अभिषेक गुप्ता, कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह, बेसमेंट के चार सह-मालिक तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और परविंदर सिंह को चार सितंबर तक हिरासत में भेज दिया।

छह आरोपितों की चार दिनों की पुलिस हिरासत की मांग

न्यायाधीश ने सीबीआई द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया, जिसमें पूछताछ के लिए सभी छह आरोपितों की चार दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोप लगाया कि संस्थान के मालिक ने दिल्ली नगर निगम द्वारा स्वीकृत उपयोग के उल्लंघन में बेसमेंट का व्यावसायिक उद्देश्य से जानबूझकर इस्तेमाल किया।

MCD ने कोचिंग को कारण बताओ नोटिस जारी किया था

सीबीआई ने अदालत को दिए अपने बयान में कहा कि उसकी जांच से यह भी पता चला है कि वर्ष 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा उठाए जाने के बाद करीब एक साल तक संस्थान के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था। पिछले साल जब हाईकोर्ट के समक्ष यह मामला उठाया गया था कि क्षेत्र के कई कोचिंग संस्थानों के पास अनिवार्य अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं है, तो नगर निगम ने राव के आइएएस स्टडी सर्किल के मालिक को भी मास्टर प्लान-2021 का अनुपालन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

संस्थान को नौ जुलाई 2024 को प्रमाणपत्र जारी किया गया

सीबीआई ने दलील दी कि आठ अगस्त 2023 को जवाब में कोचिंग ने नगर निगम को आश्वासन दिया कि उन्होंने अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है। अंत में संस्थान को नौ जुलाई 2024 को प्रमाणपत्र जारी किया गया। सीबीआई ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि निगम ने नौ अगस्त 2021 को इमारत को स्पष्ट रूप से अधिभोग प्रमाणपत्र दिया था जिसमें कहा गया था कि बेसमेंट का उपयोग केवल सीढ़ी, लिफ्ट, लॉबी, शौचालय, पार्किंग, घरेलू भंडारण और कार लिफ्ट के लिए किया जा सकता है।

 2022 को इमारत के सह-मालिकों के साथ एक लीज एग्रीमेंट

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कोचिंग संस्थान के मालिक अभिषेक गुप्ता ने पांच जनवरी, 2022 को इमारत के सह-मालिकों के साथ एक लीज एग्रीमेंट किया था, जिसके तहत इमारत को चार लाख रुपये प्रति माह किराए पर नौ साल के लिए लीज पर लिया गया था। इमारत के बेसमेंट का इस्तेमाल लाइब्रेरी और परीक्षा हॉल के लिए किया जा रहा था, जिसमें 80-90 लोगों के बैठने की क्षमता थी।

एजेंसी ने दलील दी कि उसकी जांच से पता चला है कि छात्र वहां दिन भर पढ़ाई और परीक्षा देने के लिए बैठते थे। सीबीआई ने अदालत को बताया कि बेसमेंट के स्वीकृत उपयोग के उल्लंघन में, पट्टादाता और पट्टाधारक ने जानबूझकर कोचिंग संस्थान चलाने के व्यावसायिक उद्देश्य के लिए बेसमेंट का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

थोड़ी सी वर्षा में ही परिसर हो जाता है जलमग्न

सीबीआई ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर एक निचला इलाका होने के कारण थोड़ी सी वर्षा में ही जलमग्न हो जाता था और बारिश का पानी परिसर में घुस जाता था। पानी को अंदर घुसने से रोकने के लिए इमारत में स्टील के गेट का इस्तेमाल किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीबीआई ने कहा है कि 27 जुलाई को बाढ़ के दौरान तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत दम घुटने से हुई थी।

एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि 27 जुलाई को शाम करीब साढ़े छह बजे कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में कई छात्र पढ़ रहे थे और बाहर भारी बारिश हो रही थी। इसने पहले कहा था मुख्य इमारत के स्लाइडिंग गेट के अचानक गिरने से वर्षा का पानी अचानक ग्राउंड फ्लोर में घुस गया और बाद में बेसमेंट में घुस गया, जिससे वहां पानी भर गया।

बेसमेंट का इस्तेमाल लाइब्रेरी के लिए किया जाता था

सीबीआई ने कहा कि कुछ छात्र बच गए लेकिन श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डाल्विन नाम के तीन छात्रों की मौत हो गई। एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चलता है कि कोचिंग ऐसी इमारत में चल रही है जिसमें बेसमेंट, पार्किंग, ऊपरी ग्राउंड फ्लोर, पहली मंजिल, दूसरी मंजिल और तीसरी मंजिल है। बेसमेंट समेत सभी मंजिलों का इस्तेमाल उक्त कोचिंग संस्थान द्वारा किया जाता था। बेसमेंट का इस्तेमाल लाइब्रेरी के लिए किया जाता था, जहां छात्र दिन भर पढ़ाई के साथ-साथ कोचिंग संस्थान द्वारा आयोजित परीक्षा देने के लिए बैठते थे।

सीबीआई ने दलील दी कि दिल्ली हाई कोर्ट के दो अगस्त, 2024 के आदेश के अनुसार जांच के दायरे को ध्यान में रखते हुए, जांच के उद्देश्य से और विभिन्न व्यक्तियों द्वारा निभाई गई भूमिका का पता लगाने के लिए आरोपितों से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।

मामले में पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर आरोपितों को अदालत में पेश किया गया था। सीबीआई ने स्थानीय निकायों के अधिकारियों सहित किसी भी व्यक्ति द्वारा आपराधिक लापरवाही, कर्तव्यों की उपेक्षा और भ्रष्ट आचरण सहित विभिन्न कथित अपराधों के लिए मामला दर्ज किया है।

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