लापरवाही ने ली जानवरों की जान, चिड़ियाघर के पूर्व निदेशक समेत छह के खिलाफ सीबीआइ जांच की सिफारिश
रिपोर्ट में जानवरों की मौत की वजह लापरवाही व शिकार को बताया गया है। मौत के आंकड़ों से छेड़छाड़ व उसे छिपाने की भी बात कही गई है।
By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 06:00 AM (IST)
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली के चिड़ियाघर में पिछले साल 325 जानवरों की मौत मामले में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) ने तीन अधिकारियों समेत छह लोगों के खिलाफ सीबीआइ जांच की सिफारिश की है। इनमें चिड़ियाघर के पूर्व निदेशक, बायोलॉजिस्ट, वेटनरी ऑफिसर, क्यूरेटर, हेडकीपर व एक अस्थायी कर्मी शामिल हैं। सीजेडए ने अपनी रिपोर्ट 18 अप्रैल को वन मंत्रालय को सौंप दी है। मंत्रालय को भेजी गई यह दूसरी रिपोर्ट है। पिछले साल अगस्त में ज्वाइंट डॉयरेक्टर वाइल्ड लाइफ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था।
लापरवाही की वजह से हुई जानवरों की मौत कमेटी की रिपोर्ट में वर्ष 2016-17 के बीच जानवरों की मौत की वजह विस्तार से बताई गई है। इसमें कहा गया है कि सभी जानवरों की मौत चिड़ियाघर प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से हुई। रिपोर्ट में जानवरों की मौत की वजह लापरवाही व शिकार को बताया गया है। मौत के आंकड़ों से छेड़छाड़ व उसे छिपाने की भी बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चिड़ियाघर प्रशासन ने वन मंत्रालय को जानवरों की मौत के आंकड़े और उसकी जानकारी नहीं भेजी।
अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दो साल तक मौत के मामले सामने आते रहे और किसी ने कुछ नहीं किया। इन जानवरों में कुछ अतिदुर्लभ हैं और उन्हें शेड्यूल एक और दो में रखा गया है। इनकी मौत को शिकार मानकर इन अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट के बाद वन मंत्रालय ने सीजेडए को भी जांच करने को कहा था। सीजेडए ने जांच में कमेटी की पहली रिपोर्ट के सभी तथ्य सही पाए और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ सीबीआइ जांच की सिफारिश की।
रिपोर्ट में दर्ज मौत की वजह-भेड़ियों को बाड़े में छोड़नेे के समय कर्मचारी की लापरवाही की वजह से दरवाजा उस पर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई
-गोरिल्ला के बाड़े में कर्मचारी सुई भूल गए, जिसे गोरिल्ला ने खा लिया और उसकी मौत हो गई-दो जिराफ ने पेड़ की टहनियों में गर्दन फंसा ली, जिससे उनकी मौत हो गई
काली करतूत
छोटे जानवर जैसे मॉनीटर लिजर्ड (गोह), सांप, कछुए की मौत होने पर बाजार से इनके स्थान पर दूसरे जानवर रख दिए गए। ये सभी जानवर अतिदुर्लभ प्रजातियों में आते हैं। इन्हें मारने वालों के खिलाफ गैरजमानती धाराओं में मामला दर्ज किया जाता है।ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश
वर्ष 2016 में मेनका गांधी ने पर्यावरण मंत्रालय में लिखित शिकायत की थी। दिल्ली में लंगूर वालों के पास से उन्हें लेकर चिडिय़ाघर में भिजवाया गया था। एक साल के अंदर कुछ लंगूरों की मौत हो गई और कुछ भाग गए। चिडिय़ाघर प्रशासन की इस लापरवाही की शिकायत मेनका गांधी ने मंत्रालय से की थी। इसके बाद चिड़ियाघर में जानवरों की मौत मामले में गड़बड़ी सामने आई थी। यह भी पढ़ें: यहां कोई सरहद नहीं, ज्ञान का दीप जलाने 60 देशों के 800 से ज्यादा प्रोफेसर आएंगे भारत
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