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क्या जेल से बाहर नहीं आएंगे केजरीवाल? CBI ने कोर्ट में पेश किए अहम सबूत; 'हर उम्मीदवार को 90-90 लाख देने का किया था वादा'

Delhi Excise Policy Case दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की और मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ अहम सबूत पेश करते हुए 14 दिनों की रिमांड मांगी। इस दौरान सीबीआई ने सीएम केजरीवाल पर आरोपों की झड़ी लगा दी। फिलहाल केजरीवाल की न्यायिक हिरासत तीन सितंबर तक बढ़ा दी गई है। पढ़िए आखिर कोर्ट में और क्या-क्या हुआ?

By Ritika Mishra Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 28 Aug 2024 07:48 AM (IST)
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सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में सबूत पेश किए। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करके उनकी 14 दिनों की रिमांड मांगते हुए उनपर आरोपों की झड़ी लगा दी।

इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अन्य सबूतों के साथ व्हाट्सएप चैट पेश करते हुए आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2021 के गोवा विधानसभा चुनाव में सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्येक उम्मीदवार से खुद मुलाकात की थी और उनको 90-90 लाख रुपये देने का वादा किया था।

सीबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की इच्छा के अनुसार, पैसा खर्च किया गया है क्योंकि पूरा पैसा आप के फंड में भेजा गया था। वह गोवा विधानसभा चुनावों के मुख्य प्रस्तावक थे। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया कि मामले में आगे कोई जांच नहीं होगी और एजेंसी ट्रायल के लिए तैयार है।

तीन सितंबर तक बढ़ी केजरीवाल की न्यायिक हिरासत

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सीबीआई की ओर से दायर चौथे आरोपपत्र पर दलीलें सुनने के बाद विचार करने के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और मामले को तीन सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अदालत ने कहा कि सीबीआई की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों की जांच भी तीन सितंबर तक की जाए। अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत भी तीन सितंबर तक बढ़ा दी।

सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत से कम बल्ड शुगर के चलते भोजन करने की अनुमति मांगी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। आरोपपत्र में अरविंद केजरीवाल के साथ पांच अन्य आरोपित शामिल हैं।

सीबीआई ने आरोपपत्र में आप नेता दुर्गेश पाठक, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी. सरथ रेड्डी को आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में घोटाले में आरोपित बनाया है। सीबीआई ने 29 जुलाई को आरोपपत्र दाखिल किया था।

केजरीवाल पर लगाया ये आरोप

सीबीआई ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि आरोपित अमित अरोड़ा ने पंजाब चुनाव जीतने के बाद लोगों को धमकाकर रुपयों की वसूली की। सीबीआई ने दावा किया कि केजरीवाल ने गोवा में आप के प्रचार के लिए पंजाब के लोगों से रुपयों की उगाही कराने में भूमिका निभाई।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि केजरीवाल की ओर नियुक्त आप के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने साउथ ग्रुप के साथ सौदे को लेकर बातचीत की थी। इस समूह से एकत्रित धन को गोवा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के अभियान के लिए इस्तेमाल किया।

सीबीआई ने अदालत में बताया...

वहीं, सीबीआई ने अदालत को बताया कि गोवा विधानसभा चुनावों में सारा पैसा आप विधायक दुर्गेश पाठक के निर्देश पर खर्च किया गया, जो चुनाव प्रभारी थे। सभी चुनाव संबंधी नकद में किए गए थे। एजेंसी की ओर से पेश अधिवक्ता ने सह-आरोपित विनोद चौहान की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि चौहान और आशीष माथुर पैसे के हस्तांतरण में शामिल थे।

विनोद चौहान ने बीआरएस नेता के. कविता के निजी सहायक के साथ समन्वय किया और वो दिल्ली से गोवा 25.5 करोड़ रुपये के हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार था। वह केजरीवाल का बहुत करीबी सहयोगी है, क्योंकि चौहान के डिजिटल डिवाइस की जांच से चैट से पता चला है कि दोनों व्यक्तियों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। आशीष माथुर ने विनोद चौहान की ओर से पैसे लिए और हवाला कूरियर को दे दिए।

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अधिवक्ता ने दावा किया कि पंजाब में आप पार्टी की जीत के बाद, सह-आरोपित अमित अरोड़ा ने पार्टी के लिए एक माध्यम के रूप में काम करते हुए दिल्ली में एक शराब कंपनी महादेव लिकर से संबंधित रिश्वत देने के लिए व्यक्तियों को धमकी दी।

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वहीं, एजेंसी ने आरोपित से सरकारी गवाह बने पी. सरथ रेड्डी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसने एक फर्जी जमीन सौदे के जरिए के. कविता को 14 करोड़ रुपये दिए थे और उसने दिल्ली में पांच शराब की दुकानें भी हासिल की थीं।

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