CBSE Exam: साल में दो बार परीक्षा कराएगा सीबीएसई? ये सकते हैं एग्जाम की प्रक्रिया के विकल्प
CBSE केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) दो परीक्षा कराने के लिए विकल्प तलाश रहा है कि किस तरह से परीक्षाएं कराई जाएं। बोर्ड सेमेस्टर की तरह परीक्षा कराने पर भी विचार कर सकता है। हालांकि साल में दो बार परीक्षा किस तरह कराई जाएंगी इस पर अभी निर्णय लेना बाकी है। सीबीआई तीन संभावित विकल्पों पर चर्चा कर रहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) में अनुशंसा किए गए दो बार के परीक्षा कार्यक्रम को लेकर दुविधा में है। इसके विकल्प जनवरी-फरवरी, मार्च-अप्रैल और जून हैं। CBSE एक और विकल्प तलाश रहा है, वह एक सेमेस्टर प्रणाली है जिसमें द्विवार्षिक परीक्षाएं शामिल हैं। वर्तमान में, कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं।
सीबीएसई के एक अधिकारी ने बताया कि विचार-विमर्श जारी है और साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना कब और किस प्रारूप में लागू की जाएगी, इसके बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है।
क्या हो सकते हैं विकल्प
जिन तीन संभावित विकल्पों पर चर्चा की गई है, उनमें सेमेस्टर प्रणाली में परीक्षा आयोजित करना शामिल है। पहली बोर्ड परीक्षा जनवरी-फरवरी में और दूसरी मार्च-अप्रैल में या पूरक या सुधार के साथ जून में बोर्ड परीक्षा का दूसरा सेट आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है।सेमेस्ट प्रणाली पर क्या कहा
अधिकारी ने कहा, "जिस तरह से हमारा शैक्षणिक कैलेंडर डिजाइन किया गया है। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं का शेड्यूल और भौगोलिक चुनौतियां भी हैं, क्योंकि सीबीएसई स्कूल देश भर में और यहां तक कि विदेशों में भी फैले हुए हैं, सेमेस्टर प्रणाली कम व्यवहारिक लगती है।
बोर्ड ने केंद्र से क्या कहा
बोर्ड ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि मौजूदा प्रणाली में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए 150 से अधिक चरणों की आवश्यकता है। इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों की सूची भरने, केंद्र अधिसूचना, रोल नंबर जारी करने, प्रैक्टिकल, सिद्धांत परीक्षा आयोजित करने, परिणाम घोषणा, सत्यापन और पुनर्मूल्यांकन से शुरू होने में कम से कम 310 दिन शामिल हैं।सीबीएसई के सामने कई चुनौतियां
दो परीक्षाओं के संचालन के लिए कम से कम 55 दिन आवश्यक हैं। सीबीएसई के सामने अब चुनौती यह है कि बड़े पैमाने पर अभ्यास को दूसरे दौर के लिए कब और कैसे दोहराया जाए। अधिकारी ने कहा, "फरवरी से पहले परीक्षा आयोजित करने की भी अपनी चुनौतियां हैं, क्योंकि कुछ राज्यों में कठिन सर्दियां होती हैं।ये भी पढ़ें- पर्यावरण की रक्षा के प्रति दिल्ली सरकार संवेदनहीन, स्वीकार करे पेड़ कटवाने का दोष: सुप्रीम कोर्ट
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।