Gurunanak Jayanti 2024: गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती आज, रोशनी से जगमगाया बंगला साहिब गुरुद्वारा
गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा को भव्य रूप से सजाया गया है। गुरु नानक देव जी का जन्मदिन जिसे गुरु नानक प्रकाश उत्सव और गुरु नानक देव जी जयंती के रूप में भी जाना जाता है सिखों के पहले गुरु के जन्म का उत्सव मनाता है। सिख धर्म के संस्थापक और सबसे प्रसिद्ध गुरुओं में से एक हैं।
दिल्ली ही नहीं गाजियाबाद में भी तैयारियां जोरों पर
(गुरुद्वारे को लाइटों से जगाया गया है। जागरण फोटो)सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानण होया... अर्थात गुरु का नाम जपने से हमारे जीवन से अज्ञान का अंधेरा दूर हो जाता है और ज्ञान का उजाला हो जाता है। इसी के अनुरूप शुक्रवार को गाजियाबाद के 27 गुरुद्वारों में गुरुपर्व मनाते हुए पंजाबी समाज के ढाई लाख से अधिक लोग अरदास करेंगे।बताया गया कि कई दिन से शहर में गुरु पर्व की तैयारियों के बीच प्रभात फेरी और नगर कीर्तन का आयोजन किया जा रहा था। सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने दुनिया को मानवता का संदेश पढ़ाया था। उन्होंने लोगों को संदेश दिया था कि सबका भगवान एक है। नानक जी का जन्म तलवंडी में 15 अप्रैल, 1469 को हुआ था।कई जगह गुरु पर्व को लेकर प्रभात फेरी निकाली गई
शहर में निकली प्रभात फेरी पंज प्यारों की अगुवाई में शहर में बृहस्पतिवार सुबह को कई जगह गुरु पर्व को लेकर प्रभात फेरी निकाली गई। संगत सबसे पहले बाल्मीकि कुंज में पहुंची और काफी देर तक शब्द-कीर्तन किया। बाद में प्रसाद भी वितरित किया गया। इस मौके पर हरजिंदर, कुलवीर,अमरजीत, अजीत,अवतार, मंजीत और रणजीत आदि मौजूद रहे। प्रभात फेरी के बाद लंगर भी लगाया गया। यह भी पढ़ें- Uttarakhand News: पर्यटकों के लिए खुल गए राजाजी पार्क के द्वार, तस्वीरों में देखें एक झलक''''नानक नाम जहाज है...'''' शबद गूंजेगा गुरुद्वाराें में गुरु पर्व के मौके पर विशेष दीवान सजाया गया है। शुक्रवार को बजरिया के गुरुद्वारे में हजूरी रागी सिंह भाई संत सिंह एक घंटे के लिए कीर्तन करेंगे। इस दौरान नानक नाम जहाज है... शबद खूब गूंजेगा। उसके बाद गुरु की नगरी दरबार साहिब अमृतसर से रागी सिंह गुरप्रीत सिंह अटारी द्वारा निरंतर कीर्तन करके गुरु जस गायन करके आई हुई संगत को निहाल करेंगे। यह भी पढ़ें- जागरण का दीपोत्सव: आस्था के दीप, श्रद्धा की बाती...राप्ती तट पर दमकेगी सांस्कृतिक थातीवहीं, कीर्तन की समाप्ति के बाद गुरु का लंगर होगा। गुरु ग्रंथ साहिब पर गुलाब के फूलों की वर्षा होगी। विशेष बात है जिस दिन बाबा नानक देव का प्रकाश पर्व होता है उसी दिन हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार गंगा स्नान भी मनाया जाता है। यह त्यौहार दोनों एक ही दिन में आते हैं।शहर में मुख्य कार्यक्रम बजरिया स्थित गुरुद्वारा में आयोजित होगा। सुबह को अखंड पाठ साहब की आरंभता की जाएगी। इसके बाद अरदास की जाएगी और कड़ा प्रसाद संगत में वितरित किया जाएगा। गुरुवाणी के लिए शब्द-कीर्तन होगा। - सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू, प्रधान बजरिया गुरुद्वारा सिंह सभा
हरवर्ष गुरु पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। कई दिन तक सुबह को प्रभात फेरी और नगर कीर्तन निकालते हैं। मुख्य कार्यक्रम में अरदास के बाद संगत को लंगर छकाया जाता है। - सरदार जगमोहन सिंह सलूजा, प्रधान गांधीनगर गुरुद्वारा सिंह सभा
गुरुपर्व पर बाहर रागी जत्थों एवं कथावाचकों को गुरु घर का सरोपा भेंट किया जाता है।सिख धर्म के प्रथम गुरु बाबा नानक के प्रकाश पर्व पर अखंड पाठ , अरदास और संगत को लंगर छकाना होता है। - सरदार भूपेंद्र सिंह कालरा, प्रधान कविनगर सी ब्लाक गुरुद्वारा सिंह सभा
गुरु पर्व को नानक जी का आगमन पर्व है। इस दिन गुरुद्वारों में गुरवाणी का शब्द कीर्तन होता है। इसके बाद सर्वत्र के भले की अरदास की जाती है। संतों को लंगर छिकाया जाता है। - सरदार रविंद्र सिहं सग्गू, प्रधान शिब्बनपुरा गुरुद्वारा वोहरा सहाब पटेलमार्ग