केंद्र ने दिल्ली सरकार को दिए 1116 करोड़, आप ने दी तीखी प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार के प्रस्तावित बजट पर दिल्ली सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार के प्रस्तावित बजट पर दिल्ली सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बजट पेश किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यालय में वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश को बजट का इंतजार था, जहां पूरे देश में हर तरफ अर्थव्यवस्था की बुरी हालत है, लोगों की नौकरियां जा रही हैं, छोटे बड़े सभी व्यापारी परेशान हैं।
ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि इस बजट में सरकार कुछ राहत भरे कदम जनता के लिए उठाएगी। मगर दिल्ली के साथ पूरी तरह से छल किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लंबे समय से मांग करती रही है कि केंद्र की ओर से जो केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 325 करोड़ रुपये है, उसे बढ़ाया जाए। भारत सरकार के पास एकत्रित होने वाले केंद्रीय करों पर सभी राज्यों का बराबर का अधिकार है। केंद्र सरकार के पास जो कुल टैक्स इकट्ठा होता है उसका 42 फीसद राज्य सरकारों को बांटा जाता है।
इस हिसाब से दिल्ली सरकार को लगभग 7000 करोड़ मिलने चाहिए थे। मगर केवल 325 करोड़ ही मिले हैं। 2001 से इतनी ही राशि मिलती आ रही है। जबकि 2001 में दिल्ली का बजट 8.5 हजार करोड़ था जो अब 60000 करोड़ हो गया है।
सिसोदिया ने कहा कि दूसरा धोखा केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगमों के साथ किया है। इस बजट में केंद्र सरकार ने नगर निगम को एक भी पैसा नहीं दिया है। जबकि अन्य राज्यों के नगर निगमों को केंद्र सरकार ने अपने बजट में अलग से पैसा दिया है। इस बार जो सरकार ने आयकर में छूट का नियम रखा है वह जनता के साथ छलावा है।
सरकार का कहना है कि यदि आपको ढाई लाख रुपये से ऊपर की आय पर छूट चाहिए तो आप को बच्चों की स्कूल फीस में मिलने वाली छूट, एलटीए में मिलने वाली छूट तथा अन्य निवेश के द्वारा मिलने वाली छूट छोड़नी पड़ेगी। केंद्र सरकार की पॉलिसी में लिखा हुआ है कि 20 फीसद नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर खर्च होना चाहिए। कुल जीडीपी का 6 फीसद एजुकेशन का बजट होना चाहिए। लेकिन, पिछले साल केंद्र का शिक्षा में हिस्सा केवल 3.6 फीसद था और उसे भी घटा कर मोदी सरकार ने अब इसे 3.2 फीसद कर दिया है।
दिल्लीवालों से सौतेला व्यवहार
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन एक बार फिर दिल्लीवालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ।
7 हजार करोड़ की जगह मिले केवल 325 करोड़- सिसोदिया
केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए बजट में दिल्ली सरकार को कुल 1116 करोड़ रुपये मिले हैं। केंद्र सरकार ने पिछले बजट (2019-20) में दिल्ली सरकार को 1112 करोड़ रुपये की राशि दी थी, इस प्रकार वर्तमान बजट में लगभग बराबर राशि का आवंटन किया गया है।
केंद्रीय करों में दिल्ली सरकार को हिस्सेदारी के तौर पर 325 करोड़ रुपये दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने दो महीने पूर्व केंद्रीय कर में दिल्ली की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नीति आयोग व केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष प्रजेंटेशन दिया था, लेकिन इस राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई। केंद्र सरकार ने विभिन्न विभागों के केंद्रीय सहायता मद में 626 करोड़ की राशि दिल्ली सरकार को दी है। जीका (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) के लोन भुगतान मद में दिल्ली सरकार को 150 करोड़ की राशि दी गई है। पिछले बजट में भी इस मद में 150 करोड़ की राशि दी गई थी।