दिल्ली NCR में डीजल जनरेटर के प्रयोग पर CAQM सख्त, 15 मई से सिर्फ दोहरी ईंधन से चलने वाले डीजी सेट चलेंगे
Delhi Air Pollution केंद्र सरकार 15 मई से दिल्ली एनसीआर में 800 किलोवाट तक की क्षमता वाले डीजल जनरेटर के प्रयोग की अनुमति दे सकती है। अनुमति सिर्फ जनरेटर को दोहरी ईंधन प्रणाली (गैस और डीजल) में बदलने के बाद ही अनुमति दी जा सकती है।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 10 Feb 2023 07:41 PM (IST)
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। सर्दी के मौसम में प्रदूषण अधिक होने के मद्देनजर ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, GRAP) लागू होने के दौरान डीजल जनरेटर (डीजी) सेट के इस्तेमाल पर रोक तो होती ही है। अब गर्मी में भी सिर्फ डीजल से चलने वाले डीजी सेट के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा।
जिन औद्योगिक व व्यवसायिक क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस की पाइप लाइन मौजूद है, वहां 15 मई के बाद दोहरी ईंधन से चलने वाले डीजी सेट का ही इस्तेमाल होगा। इसके तहत डीजी सेट में 70 प्रतिशत प्राकृतिक गैस और 30 प्रतिशत ही डीजल इस्तेमाल की स्वीकृति होगी। इस बाबत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आदेश जारी किया है।
आयोग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रेप का प्रतिबंध नहीं होने के दौरान बड़े स्तर पर डीजी सेट का संचालन होता है। इस वजह से वायु प्रदूषण होता है, जो चिंता का विषय है। इसलिए जब ग्रैप लागू नहीं होता उस दौरान भी डीजी सेट के इस्तेमाल को नियंत्रित किए जाने की जरूरत है।
इसलिए जिन इलाकों में प्राकृतिक गैस की पाइप लाइन मौजूद है वहां औद्योगिक व व्यवसायिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले 800 मेगावाट तक के सिर्फ ऐसे डीजी सेट इस्तेमाल किए जा सकते हैं जिसमें दोहरी ईंधन प्रणाली की सुविधा होगी। जिस डीजी सेट में दोहरी ईंधन प्रणाली की सुविधा नहीं है, उन्हें 15 मई तक यह सिस्टम लगाना होगा।
इसके अलावा आयोग ने 298 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले सभी डीजी सेट में अगले 30 सितंबर तक रेट्रोफिटेड उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण (आरईसीडी) लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद यह उपकरण लगाने की अनिवार्यता में रहात नहीं दी जाएगी।
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